Best Water Vessel: RO-फिल्टर से पहले 6 चीजों में रखते थे पीने का पानी, पेट में पहुंचते ही बन जाता है दवा

Which Vessel Is Best To Store Water: अधिकतर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि पीने का पानी तांबे में रखना बेहतर होता है या मिट्टी के बर्तन में। लेकिन आप इनके अलावा भी कई धातु के बर्तन में पानी रख सकते हैं। जिनके फायदे भी अलग-अलग होते हैं।

how to store drinking water at home and its benefits by ayurveda expert
Best Water Vessel: RO-फिल्टर से पहले 6 चीजों में रखते थे पीने का पानी, पेट में पहुंचते ही बन जाता है दवा
  • कपड़े, स्मार्टवॉच, ज्वैलरी पर बंपर ऑफर, 60% तक की मिल रही छूट

तकनीक आने के बाद पीने का पानी आरओ या फिल्टर में स्टोर किया जाता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ये तकनीक पानी से गंदगी और कीटाणु निकालकर शुद्ध बनाती है। लेकिन इस दौरान शरीर के लिए फायदेमंद कुछ तत्व भी निकल जाते हैं।

प्राचीन काल में पानी रखने के लिए अलग-अलग धातुओं का इस्तेमाल किया जाता था। इन चीजों के पानी को ‘अमृत’ के समान समझा जाता था, क्योंकि यह शरीर को निरोग बनाने में मदद करता था। पुराने समय के लोग इन्हीं चीजों का पानी पीकर हमसे ज्यादा तंदरुस्त और ऊर्जावान रहते थे।

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. वारालक्ष्मी ने बताया कि आयुर्वेद में पीने का पानी रखने वाले बढ़िया बर्तन के बारे में बताया गया है। अलग-अलग धातुओं में रखे पानी की खासियत भी बदल जाती थी। आइए जानते हैं कि पीने का पानी किस बर्तन में रखना चाहिए और उसके फायदे क्या हैं?

किस बर्तन में रखना चाहिए पीने का पानी?

सोने के बर्तन में पानी पीने के फायदे

सोने के बर्तन में पानी पीने के फायदे

सोने के बर्तन में रखा पानी तासीर में ठंडा होता है और इसका स्वाद मीठा होता है। यह आपकी इम्युनिटी, ताकत, दिमाग और फर्टिलिटी को बढ़ाने वाला होता है। राजा-महाराजा सोने के बर्तन में ही पानी पीते थे।

तांबे का बर्तन दूर करता है ये बीमारी

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे

​तांबे के बर्तन में रखे पानी की तासीर गर्म और स्वाद मीठा होता है। यह शरीर की अंदरुनी गर्मी बढ़ाने में मदद करता है। जिससे एनीमिया और आयरन की कमी दूर हो सकती है। इसे ठंड के मौसम में जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।

मिट्टी के बर्तन में पानी पीने के फायदे

मिट्टी के बर्तन में पानी पीने के फायदे

आज भी कुछ घरों में पानी रखने के लिए मिट्टी का घड़ा या सुराही इस्तेमाल की जाती है। इसकी तासीर ठंडी होती है और शारीरिक गर्मी को संतुलित करता है। एसिडिटी और गैस्ट्रिक समस्या इससे दूर हो सकती है। इसे गर्मी के मौसम में इस्तेमाल करना लाभदायक होता है।

इस बर्तन में उबालते थे पानी

इस बर्तन में उबालते थे पानी

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, पुराने समय में गूलर के पेड़ की लकड़ी से बर्तन बनाए जाते थे। इनमें पानी उबाला जाता था, जो कि तासीर में ठंडा माना जाता है।

इस बर्तन का पानी है जहर

इस बर्तन का पानी है जहर

आयुर्वेद के अनुसार लोहे के बर्तन में पीने का पानी नहीं रखना चाहिए। इससे त्वचा की दिक्कतें होती हैं। वहीं, पीतल में रखा पानी भारी होता है और इम्युनिटी बढ़ाता है। चांदी के बर्तन में रखा पानी भी पी सकते हैं, जिसकी तासीर ठंडी होती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।