फेस्टिव सीजन (Festive Season) में धनतेरस (Dhanteras) और दिवाली (Diwali) रिटेलरों के लिए बड़ा अवसर होता है। इस दिन उनकी बिक्री पिछला सारा रिकार्ड तोड़ देती है। लेकिन आप जानते हैं कि इस दौरान सबसे ज्यादा कौन सा सामान बिकता है? आपको हम यहां इस बारे में बता रहे हैं कुछ दिलचस्प बातें..
नई दिल्ली: आमतौर पर हर साल त्योहारी सीजन (Festival Season) में चीजों की डिमांड बढ़ जाती है। छोटे और मध्यम साइज के रिटेलर इस मांग को पूरा करने के लिए खुद को कैसे तैयार करते हैं, आपको पता है? वे अपना स्टॉक कितना बढ़ाते हैं और इसके लिए फाइनेंसिंग का तरीका क्या होता है। वे ग्राहकों तक पहुंचने के लिए क्या क्या नया तरीका अपना रहे हैं। हम यहां बता रहे हैं कि त्योहारी सीजन में रिटेलर क्या स्ट्रेटेजी अपनाते हैं और इस दौरान सबसे ज्यादा क्या बिकता है।
सर्वे से मिली है जाानकारी
रिटेलर के व्यवहार के बारे में B2B ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस सॉल्व (Solv) ने हाल ही में ‘रिटेलर ट्रेंड्स: फेस्टिव एडिशन 2022’ नाम से एक सर्वे किया है। यह सर्वे भारत में 300+ टियर 1-6 शहरों में एमएसएमई रिटेल विक्रेताओं पर किया गया। इस सर्वे का उद्देश्य यह समझना है कि विक्रेता इस मांग को कैसे पूरा कर पाते हैं, उनकी वित्तीय प्राथमिकताएं क्या हैं। ऑर्डर और डिलीवरी के लिए बी 2 बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को अपनाने को लेकर रुझान क्या है और साथ ही उनके बिजनेस के अन्य पहलुओं की भी स्टडी की गई।
70% विक्रेता 40 फीसदी ज्यादा स्टॉक करते हैं
रिटेलरों के लिए त्योहारी सीजन का मतलब भारी मांग और भारी प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में रिटेल विक्रेताओं के लिए त्योहारी सीजन का पूरा लाभ लेने के लिए पसंदीदा रणनीति है कि वे आम सीजन से ज्यादा स्टॉक अपने पास रखते हैं। सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 70 फीसदी विक्रेताओं ने संकेत दिया कि वे नॉन-फेस्टिव सीजन के दौरान आम तौर पर स्टॉक की तुलना में कम से कम 40 फीसदी अधिक स्टॉक करते हैं।
B2B प्लेटफॉर्म का बढ़ रहा है इस्तेमाल
ज्यादातर रिटेल विक्रेता स्टॉक बढ़ाने का काम परंपरागत रूप से ऑफलाइन स्रोतों से करते रहे हैं। लेकिन हाल के सालों में COVID-19 महामारी और Solv जैसे B2B ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस सहित प्रौद्योगिकी की पहुंच बढ़ने से विक्रेताओं में ऑनलाइन चैनलों के इस्तेमाल को लेकर प्रोत्साहन बढ़ा है। सर्वे में देखा गया कि इसमें हिस्सा लेने वाले 83 फीसदी लोगों ने कहा कि अब वे अपने स्टॉक का कम से कम 20-40 फीसदी B2B मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि बचे हुए 17 फीसदी विक्रेता तो अपने स्टॉक का 60-80 फीसदी ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं।
भुगतान के लिए इनवॉइस फाइनेंसिंग पसंदीदा विकल्प
सर्वे में शामिल लगभग 50 फीसदी रिटेल विक्रेताओं ने संकेत दिया कि इनवॉइस फाइनेंसिंग भुगतान के लिए उनका सबसे सुविधाजनक और पसंदीदा विकल्प है। 43 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अभी भी कैश-ऑन-डिलीवरी (COD) के पक्ष में हैं, जिसमें कार्ड पेमेंट केवल एक छोटे से वर्ग द्वारा पसंद किया जाता है। प्रौद्योगिकी-सक्षम इनवॉइस फाइनेंसिंग छोटे व्यापारियों को अनपेड इनवॉइस या अवैतनिक चालान के खिलाफ वर्किंग कैपिटल कार्यशील पूंजी उधार लेने की अनुमति देता है। यह उनके कैश फ्लो यानी नकदी प्रवाह को आसान बनाता है और उन्हें अधिक व्यवसाय करने में सक्षम बनाता है। इससे व्यवसायों का मूल्यांकन किया जाता है और लेन-देन डाटा के माध्यम से क्रेडिट का निर्णय लिया जाता है। इस वजह से यह सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए अधिक उपयुक्त हो जाता है, जिनकी क्रेडिट-योग्यता या वित्तीय स्थिति का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है।
WhatsApp के जरिए ग्राहकों तक बढ़ी पहुंच
सोशल मीडिया ऐप, विशेष रूप से व्हाट्सएप की बढ़ती लोकप्रियता के साथ रिटेल विक्रेताओं की पहुंच ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक हो रही है, उनका ग्राहकों से जुड़ना बहुत आसान हो गया है। सर्वे में शामिल 51 फीसदी विक्रेताओं ने कहा कि ग्राहकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने ब्रांड की खोज की, जिसमें 34 फीसदी सिर्फ व्हाट्सएप के माध्यम से थे। टीवी विज्ञापन, जो हाल तक ब्रॉन्ड की खोज और संचार का प्राथमिक स्रोत था, अब बॉन्ड खोज का केवल 17 फीसदी हिस्सा है।
फेस्टिव सीजन में क्या बिकता है सबसे ज्यादा?
सर्वे के अन्य दिलचस्प परिणाम भी देखने को मिले। जैसे त्योहारी सीजन के दौरान अलग अलग श्रेणियों के तहत सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रोडक्ट में फुटवियर (स्पोर्ट्स और कैजुअल शूज ओवर फॉर्मल और एथनिक शूज) और अपैरल (डेनिम और टी-शर्ट) शामिल रहे। वहीं यह भी देखने को मिला कि सॉल्व जैसे B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से विक्रेताओं को बहुत ज्यादा लाभ हुआ।