Gujarat Polls:रिटायर्ड कर्नल अजय सिंह कोठियाल का कहना है कि कहा है कि जब आम आदमी पार्टी की ओर से उन्हें उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया था, तब बड़े दावे किए गए थे, लेकिन छह महीने के अंदर ही उन्हें पता चल गया था कि केजरीवाल का एजेंडा ‘कुछ और’ है…
Gujarat Polls: arvind kejriwal, ajay kothiyal
अरविंद केजरीवाल ने पूर्व पत्रकार ईसूदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) को आम आदमी पार्टी की तरफ से गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया है। केजरीवाल ने दावा किया कि एक सर्वे के जरिए गुजरात के लोगों ने ही उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखने के लिए चुना है। सर्वे में 16 लाख से अधिक जवाब मिले और ओबीसी समाज के चेहरे गढ़वी को 73 फीसदी से ज्यादा लोगों ने सीएम के रूप में देखने की इच्छा जताई। गुजरात की ही तरह अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में रिटायर्ड कर्नल अजय सिंह कोठियाल को आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया था।
कर्नल कोठियाल ने कहा है कि किसी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाते समय अरविंद केजरीवाल बड़े दावे करते हैं, लेकिन उनका निशाना ‘कुछ और’ होता है। उन्हें भी जब आम आदमी पार्टी की ओर से उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया था, तब बड़े दावे किए गए थे, लेकिन छह महीने के अंदर ही उन्हें पता चल गया था कि केजरीवाल का एजेंडा ‘कुछ और’ है। यही कारण है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी। अब वे भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल किसी दूसरे की राय सुनना पसंद नहीं करते हैं। किसी मुद्दे पर वे जो सोचते हैं, उसे ही ठीक समझते हैं और उसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं होती। उन्होंने उनकी भी किसी राय को कोई महत्त्व नहीं दिया। आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट बनने के बाद उन्हें यह महसूस हुआ था कि उत्तराखंड को लेकर उनसे जो बातें कहीं गई थीं, वे केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए खी गई थीं और राज्य के विकास का उनका कोई इरादा नहीं है।
राजनीति के लिए किया इस्तेमाल
कर्नल कोठियाल ने आरोप लगाया कि पार्टी से जुड़ने के बाद उनकी मुलाकात केजरीवाल के पूर्व संगठन ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ से जुड़े कुछ अन्य लोगों से हुई थी, जिसके बाद उन्हें केजरीवाल की असलियत समझ आई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए ही अरविंद केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन बनाया था, अपना छिपा राजनीतिक उद्देश्य पूरा होने के बाद इस संगठन को समाप्त कर दिया और अपनी पार्टी में उन्होंने पूर्व के सभी नेताओं को एक-एक कर किनारे लगा दिया।
जो कहा, नहीं किया
अजय सिंह कोठियाल ने अमर उजाला से कहा कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से लगभग एक साल पूर्व जनवरी 2021 में उनसे आम आदमी पार्टी ने संपर्क किया था। पार्टी की तरफ से राघव चड्ढा और दिनेश मोहनिया ने मार्च में उनसे मुलाकात कर उन्हें पार्टी का शिक्षा और स्वास्थ्य का प्लान बताया था। बाद में उन्हें पार्टी की ओर से उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने का प्रस्ताव रखा था।
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे हुई मुलाकात के समय भी उत्तराखंड के विकास को लेकर कई दावे किए गए थे। राज्य के विकास के लिए उनके अपने विचारों को बेहद उपयोगी बताते हुए केजरीवाल ने उन्हें अपनाने और राज्य के युवाओं के लिए काम करने की बात कही थी, लेकिन बाद में इन पर कोई विचार नहीं किया गया।
राजनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल
कोठियाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी की शिक्षा और स्वास्थ्य की योजनाओं को देखकर वे भी खुश हो गए थे और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने पर सहमति दे दी थी। इसके बाद एक बड़े कार्यक्रम में पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया गया। लेकिन जल्द ही उन्हें यह समझ आ गया कि अरविंद केजरीवाल उन्हें केवल राजनीतिक मुहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और उनका असली इरादा कुछ और है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके जिन विचारों को राज्य के विकास के लिए बेहद उपयोगी बताया गया था, उन्हें ही दरकिनार कर दिया गया। उनके विचारों को आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र में भी जगह नहीं दी गई।
मुफ्त की रेवड़ी से लोगों को खरीदना चाहते हैं केजरीवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल केवल मुफ्त की योजनाओं की घोषणा कर चुनाव जीतना चाहते हैं, लेकिन उनके पास विकास का कोई जमीनी खाका नहीं है। वे केवल फ्री बिजली-पानी और पेंशन का लालच देकर लोगों के वोट खरीदना चाहते हैं। उन्हें यह पता नहीं है कि समाज के हर वर्ग को केवल मुफ्त की रेवड़ी दिखाकर खुश नहीं किया जा सकता। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में जहां लोग देश पर न्योछावर होने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उनके लिए देश के आगे और कोई चीज महत्त्वपूर्ण नहीं होती।
दिल्ली मॉडल का दावा दिखावटी
उन्होंने कहा कि केजरीवाल का दिल्ली मॉडल को लेकर किया जा रहा दावा झूठा है। वे दो-चार स्कूलों और कुछ अस्पतालों को दिखाकर पूरी व्यवस्था ठीक होने का दावा करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि सभी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब है और उन्हें ठीक करने के लिए कोई काम नहीं किया जा रहा है। कोरोना काल में ही यह दिख गया था कि दिल्ली के अस्पताल अपने लोगों का इलाज करने में सक्षम नहीं हैं। मोहल्ला क्लीनिक भी केवल दिखावटी योजना साबित हुई है।
अभी बता सकता हूं केजरीवाल का प्लान
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर केवल स्वयं को बढ़त की स्थिति में दिखाने की राजनीतिक चाल चलते हैं। पार्टी की जमीनी स्थिति इससे बिलकुल अलग होती है। स्वयं को आगे दिखाने के लिए उनकी चालें फिक्स होती हैं। ऑटो वालों, प्राइवेट कंपनी के कुछ कर्मचारियों से मिलकर वे एक छवि गढ़ने की कोशिश करते हैं। वे अभी भी बता सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल गुजरात में आगे क्या रणनीति अपनाएंगे और अपना किस तरह प्रचार करेंगे।