Madhya Pradesh: बांधवगढ़ में सामने आईं 2 हजार साल पुरानी 26 मानव निर्मित गुफाएं, पढ़ें और क्या मिला

उमरिया. मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ (Bandhavgarh) में 2000 साल पुराने अवशेष सामने आए हैं. यहां 26 महत्वपूर्ण मानव निर्मित गुफाएं (Man made caves) मिली हैं. इन गुफाओं में बौद्ध धर्म से जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं. यहां ब्राह्मी लिपि के कई अभिलेख भी मिले हैं. उनमें देश के कई जिलों के नाम मिले हैं. इनके साथ ही करीब 26 पुराने मंदिर भी यहां पाए गए हैं. ये मंदिर भी लगभग 2000 साल पुराने हैं. पुरातत्व विभाग इनकी गहनता से जानकारी जुटाने में जुटा है. इन गुफाओं और मंदिर से कई और अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं.

जबलपुर जोन के एएसआई सुप्रीटेंडेंट शिवाकांत बाजपाई ने बताया कि इन गुफाओं में 2000 साल पहले बेड भी मिले हैं. हैरानी की बात यह है कि ये गुफाएं मानव निर्मित हैं. ये सभी पुरातात्विक अवशेष गुप्त काल के हैं. यहां 56 प्रतिमाएं मिली हैं. इन सबका अध्ययन किया जा रहा है. इन गुफाओं में बौद्ध धर्म से जुड़े कई अहम तथ्य मिले हैं. पुरातत्व की दृष्टि से यह सबकुछ काफी महत्वपूर्ण हैं.

बांधवगढ़ मुख्य रूप से टाइगर रिजर्व है
उल्लेखनीय है कि उमरिया का बांधवगढ़ मुख्य रूप से टाइगर रिजर्व है. लेकिन यहां पुरा संपदा भी प्रचुर मात्रा में है. इसको देखते हुए इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने के लिए भी लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए पुरातत्व विभाग काफी समय से प्रमाण जुटाने की कवायद करने में जुटा है. बीते कुछ समय से यहां व्यवस्थित तरीके से सर्वे कराया गया है. इस सर्वे में कई अहम जानकारियां और प्रमाण सामने आए हैं. इससे पुरातत्व विभाग काफी उत्साहित है.

हर क्षेत्र की एक्सपर्ट टीम के साथ हो रही है खोज
सकारात्मक परिणाम सामने आते देखकर विभाग यहां लगातार नई-नई चीजों को खोजने में जुटा है. इसके लिए पुरातत्वविदों के साथ प्रचीन अभिलेख पढ़ने और छापा लेने वाले लिपि विशेषज्ञों और स्टक्चरल इंजीनियर तथा केमिकल कंजरवेशन के वैज्ञानिकों को शामिल कर इस कार्य को पूरा किया जा रहा है. यहां मिलने वाली एक चीज का बारीकी से अध्ययन कर निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास अनवरत जारी है. अब दो हजार साल पुरानी मानव निर्मित गुफाएं देखकर पुरातत्व विभाग का जोश और बढ़ गया है. उसे उम्मीद है कि इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने का उनका सपना एक दिन पूरा होगा.