सरकार ने इस महीने उपभोक्ताओं को सरसों तेल ही देने का फैसला लिया है। इससे पहले एक लीटर रिफाइंड भी दिया जाता था।
चुनावी साल में राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश की जनता को राशन डिपुओं में सरसों का तेल 17 से 26 रुपये तक सस्ता देगी। इससे सूबे के 19 लाख राशनकार्ड धारकों को महंगाई से राहत मिलेगी। सरकार ने हरियाणा की सरकारी एजेंसी हैफेड से तेल लेने के लिए शॉट टेंडर किया है।
हैफेड प्रदेश सरकार को 143 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल देगी। इसके बाद सरकार सब्सिडी के साथ गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले परिवारों को 134 रुपये, गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) को 139 और करदाताओं को 149 रुपये प्रति लीटर तेल उपलब्ध कराएगी। इससे पहले बीपीएल को 151, एपीएल को 156 और करदाताओं को 175 रुपये प्रति लीटर तेल मिल रहा था।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में सरसों के तेल के टेंडर किए थे। प्रतिस्पर्धा के चलते टेंडर रद्द किए गए, क्योंकि दूसरी कंपनियों के रेट ज्यादा आए। इसके चलते सरकार ने शॉट टेंडर करने का फैसला लिया। इसमें पंजाब और हरियाणा सरकार की एजेंसी से सरसों के तेल के रेट लिए गए। हरियाणा की एजेंसी हैफेड का रेट कम पाया गया।
ऐसे में सरकार ने हैफेड से ही तेल लेने का फैसला लिया। सरकार ने तेल लेने के लिए ऑर्डर जारी कर दिया है। बड़ी बात यह है कि सरकार ने इस महीने उपभोक्ताओं को सरसों तेल ही देने का फैसला लिया है। इससे पहले एक लीटर रिफाइंड भी दिया जाता था। नागरिक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग ने बताया कि डिपो में उपभोक्ताओं को सस्ता सरसों तेल मिलेगा।
प्रदेश सरकार को 5.61 करोड़ का हुआ फायदा
सरकारी एजेंसी से तेल लेने पर हिमाचल सरकार को 5.61 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। हैफेड ने प्रदेश को सप्ताह के भीतर तेल की पूरी सप्लाई देने की बात की है।
राणा को क्यों हो रहा है टेंडर रद्द करने का दर्द
मंत्री राजिंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार ने टेंडर रद्द किया, उससे कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा को क्यों दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी का टेंडर रद्द हुआ है, उससे राणा का क्या संबंध हैं। उन्होंने कहा कि राणा आधारहीन बयानबाजी बंद करें। जनता के हितों को देखते हुए यह फैसला लिया है।