अंगदान करके उमेश ने बचाई 6 ज़िन्दगियां

इंसान दुनिया से भले ही वक़्त-बेवक़्त चले जाएं लेकिन अंगदान के ज़रिए वे दूसरों की ज़िन्दगी बचा सकते हैं. या यूं कहा जाए कि अंगदान के ज़रिए वे दुनिया को अलविदा कहकर भी दुनिया का हिस्सा बने रह सकते हैं. बेलगावी के एक अस्पताल में कुछ ऐसा ही हुआ.

रिपोर्ट के अनुसार, उमेश बी दंदगी (Umesh B Dandagi) नामक ये शख्स दुनिया से जाते-जाते 6 लोगों को नई ज़िन्दगी देकर गया. दरअसल उमेश गिर गया था और उसके सिर पर गहरी चोट आई थी. बेलगावी स्थित केएलइएस अस्पताल में उसकी क्रैनियोटोमी (Craniotomy) हुई. उमेश को बचाने की तमाम कोशिशें की गईं लेकिन 16 मार्च को उसनी मृत्यु हो गई.

ऑर्गन डोनेशन प्रोटोकॉल के अनुसार, ‘जीवासर थकाथे’ (Jeevasar Thakathe) जिसे पहले ZCCK कहा जाता था के लोगों ने अंगदान की प्रक्रिया शुरु की. उमेश के परिवारवालों से लिखित में कन्सेन्ट लिया गया.

उमेश के दिल को केएलइएस अस्पताल के ही एक मरीज़ को लगाया गया. उसकी किडनियों को ग्रीन कॉरीडोर के माध्यम से धारवाड़ स्थित एसडीएम अस्पताल और हुब्बाली स्थित तत्वादर्श अस्पताल भेजा गया. केएलइ आई बैंक में उसके कॉर्निया और त्वचा दान किए गए. उमेश के लिवर को हवाईमार्ग द्वारा बेंगलुरु भेजा गया.

उमेश का लिवर सही समय पर मरीज़ तक पहुंचे इसके लिए बेंगलुरु ट्रैफ़िक पुलिस ने केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से स्पर्श अस्पताल तक ग्रीन कॉरीडोर बनाया.

उमेश आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके और उनके परिवार के सदस्यों की वजह से आज कई लोगों को नई ज़िन्दगी मिल गई है.