अदार पूनावाला बने ‘अमृत रत्‍न’, कहा-मोदी सरकार के सहयोग से वैक्‍सीन बना कोरोना को हराया

नई दिल्‍ली. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला को कोरोना महामारी से लड़ाई और इसका टीका विकसित करने में सफल योगदान देने के लिए मंगलवार को अमृत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. अमृत रत्‍न सम्‍मान समारोह के मौके पर केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने उन्‍हें पुरस्‍कृत किया.

इस मौके पर अदार पूनावाला ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का विकास और उत्पादन बहुत बड़ी चुनौती थी. इसमें काफी जोखिम भी था, लेकिन उस समय हाथ पर हाथ रखकर भी नहीं बैठा जा सकता था. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था. ऐसे मुश्किल दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने को-ऑपरेशन और को-ऑर्डिनेशन की मिसाल पेश की, जिससे वैक्‍सीन बनाने में आने वाली चुनौतियों को पार किया गया. सरकार ने बहुत मदद की, जिससे हम आखिरकार वैक्‍सीन बनाने में सफल रहे.

एक हजार लोगों को काम पर लगाया
पूनावाला ने कहा, यह काम कितना चुनौतीभरा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हमने सिर्फ वैक्‍सीन विकसित करने और उसके उत्‍पादन पर ही 1,000 लोगों की टीम लगाई. इस दौरान हमारी कंपनी के एक हिस्‍से में आग भी लग गई. बावजूद इसके सतत प्रयास और धैर्य के बूते हमने आखिरकार सफलता प्राप्‍त की. शुरुआती चुनौतियों के बाद जब हर महीने सबकुछ ठीक हो रहा था तो सभी के चेहरे पर मुस्‍कान खिल गई.

पीएम मोदी ने लोगों का डर भगाया
पूनावाला ने कहा, कोरोना का टीका बनाने की पहली चुनौती पार करने के बाद हमारे सामने दूसरी बड़ी समस्‍या आ गई, क्‍योंकि इसे लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां फैल रहीं थी और लोग वैक्‍सीन लगवाने से पीछे हटने लगे. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील ने लोगों में भरोसा जगाया और उन्‍होंने टीके लगवाने शुरू किए. यह बड़ी समस्‍या थी, जिसे प्रधानमंत्री ने लोगों के मन में बैठे डर को दूर भगाकर हल किया और हम वैक्‍सीनेशन में सफल हुए.

पहले अमेरिका से मदद मांगी फिर उसे पीछे छोड़ दिया
अदार पूनावाला ने कहा कि हमारे पास वैक्‍सीन बनाने का फॉर्मूला तो था लेकिन कच्‍चे माल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे. हमने अमेरिका से कच्‍चे माल के लिए गुजारिश की. उस वक्त उपकरण और इंजीनियर लाना बड़ी चुनौती थी, लेकिन हम आगे बढ़ते रहे. हर महीने कुछ ना कुछ देरी या बुरी खबर आ रही थी और हर महीने कुछ ना कुछ राहत भी मिल रही थी. खुशी के साथ चिंताएं भी थीं. लेकिन, लगातार प्रयास से भारत देखते ही देखते अमेरिका से आगे निकल गया और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक पूरा हुआ.