आक्रोश रैली: शिमला पहुंचे किसान-बागवान, भारी पुलिस बल तैनात, कांग्रेस और आप भी कर रहे समर्थन

किसान-बागवानों को समर्थन देने के लिए आम आदमी पार्टी किसान विंग और कांग्रेस के नेता भी पहुंच गए हैं।

नवबहार पहुंचे बागवान।

संयुक्त किसान मंच के बैनर तले प्रदेश के 27 किसान-बागवान संगठन आज राजधानी में नवबहार चौक से छोटा शिमला तक आक्रोश रैली निकाल रहे हैं।

किसान-बागवानों को समर्थन देने के लिए आम आदमी पार्टी किसान विंग और कांग्रेस के नेता भी पहुंच गए हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं भी आक्रोश रैली में पहुंची हैं। सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। डीजीपी संजय कुंडू मौके पर मौजूद हैं।

सेब बागवानों के सचिवालय के बाहर प्रदर्शन से पहले पुलिस बल तैनात कर छावनी बना दी गई है। बागवानों से निपटने को पुलिस बल और अग्निशमन के फायर टेंडर सचिवालय के दोनों गेट के पर लगा दिए हैं।

संजौली की तरफ के गेट के पास ही पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि आंदोलनरत बागवानों को आगे बढ़ने से रोका जा सके। फिलहाल संजौली से छोटा शिमला के लिए वाहनों की आवाजाही सामान्य है
किसान-बागवान फलों की पैकेजिंग पर जीएसटी खत्म करने, कश्मीर की तर्ज पर एमआईएस के तहत सेब खरीद करने और सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं। बागवान संगठन सरकार की ओर दी गई 6 फीसदी जीएसटी छूट की जटिल प्रक्रिया को सरल बनाने की भी मांग कर रहे हैं।
20 सूत्रीय मांग पत्र में उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में बागवान प्रतिनिधियों को शामिल न करने से भी बागवान संगठन नाराज हैं। 

ये भी हैं बागवानों की मांगें 
मंडियों में एपीएमसी कानून सख्ती से लागू करने, बैरियरों पर मार्केट फीस वसूली बंद करने, खाद, बीज, कीटनाशकों पर सब्सिडी बहाल करने, कृषि बागवानी सहयोगी उपकरणों पर सब्सिडी जारी करने, प्राकृतिक आपदाओं का मुआवजा जारी करने, ऋण माफ करने, बागवानी बोर्ड का गठन करने, सभी फसलों के लिए एमएसपी तय करने, निजी कंपनियों के सेब खरीद रेट तय करने को कमेटी बनाने, सहकारी समिति को सीए स्टोर बनाने के लिए 90 फीसदी अनुदान देने, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने और मालभाड़े की बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग की जा रही है।