मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वर्तमान सरकार के आखिरी बजट में समाज के हर वर्ग को छुएंगे। जिस तरह से इस बार बजट में तैयारी हुई है, उससे लगता है कि नई योजनाएं लांच करने के बजाय लोगों को सीधा लाभ देने पर सरकार का फोकस रहेगा। बजट बनाने से पहले मुख्यमंत्री ने विधायकों, अफसरों और आम लोगों से भी सुझाव लिए हैं। इसके बाद बना बजट भाषण चार मार्च को विधानसभा में सामने रखा जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बजट नई योजनाओं पर केंद्रित रहे हैं। पिछले साल के बजट में भी मुख्यमंत्री के नाम पर कई स्कीमें आई थीं, लेकिन इस बार इन्हें लागू करने के लिए चूंकि अब समय कम है, इसलिए ज्यादा फोकस हर वर्ग को सीधी राहत देने पर रहेगा। चूंकि बजट से ठीक पहले राज्य सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया है और बहुत सी विसंगतियां अभी बाकी हैं, तो इससे संबंधित घोषणाएं बजट में होना तय हैं। मुख्यमंत्री वेतन आयोग के एरियर को लेकर कोई ऐलान कर सकते हैं।
यह वेतन आयोग पहली जनवरी, 2016 से मिलना है। इसके अलावा यूजीसी पे-स्केल देने की तारीख भी सीएम बजट में बता सकते हैं। दो साल के राइडर में फंसे कर्मचारियों को लेकर कोई बात बजट में हो सकती है। हालांकि इस बारे में फाइल अभी वित्त विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच चल रही है। इस बजट भाषण में सीएम आउटसोर्स कर्मचारियों की पॉलिसी को लेकर कोई ऐलान कर सकते हैं। हालांकि इस बारे में बनाई कैबिनेट सब-कमेटी अभी पूरा अध्ययन इस बारे में नहीं कर पाई है, लेकिन पॉलिसी की घोषणा पहले होने के बाद इसे फिर बजट के बाद ड्राफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही नई नौकरियों पर भी सीएम कुछ ऐलान करेंगे। पिछले बजट में 30000 पद सरकारी क्षेत्र में भरने की घोषणा हुई थी। इसमें से शिक्षा में 8000 और पीडब्ल्यूडी में 5000 मल्टीटास्क वर्कर अब तक सरकार नहीं भर पाई है।
राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देंगे सीएम
मुख्यमंत्री विधानसभा में चल रही राज्यपाल अभिभाषण की चर्चा का जवाब बुधवार को देंगे। सुबह विधानसभा में सीधे यह चर्चा शुरू होगी और 11 बजे सीएम इसका जवाब देंगे। इस बीच प्रश्रकाल नहीं होगा और दो दिन प्रश्न सदन के पटल पर ही रखे जाएंगे। 12 बजे सीएम मंडी के लिए रवाना होंगे, जहां शिवरात्रि की जलेब में उन्हें शामिल होना है। वह फिर तीन मार्च सुबह शिमला लौटेंगे और कैबिनेट की बैठक करेंगे। कैबिनेट बजट को अप्रूव करेगी। अगले दिन चार मार्च को सीएम बजट पेश करेंगे।
गैर लाभार्थी समूहों पर ध्यान
एक चर्चा यह भी है कि इस बार मुख्यमंत्री का फोकस गैर लाभार्थी समूहों पर भी रहेगा। अब तक हिमाचल सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों का डाटा राज्य सरकार के पास है। इस बार ध्यान उन वर्गों पर भी रहेगा, जो इन लाभार्थियों में शामिल नहीं हैं। यानी जिन तक अभी राज्य सरकार की कोई योजना नहीं पहुंची है।