नई दिल्ली. पिछले कुछ महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा लक्षित हमले के बाद लोगों में इस बात को लेकर चिंता है कि आतंकवाद फिर से देश में तेजी से बढ़ने लगा है. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि पिछले दो-तीन सालों में देश में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है. इसके अलावा आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है जिसके कारण इस मामले में लगातार कमी आ रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह बात संसद के एक लिखित जवाब में कही है. गृह मंत्रालय के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में भी 2018 के बाद आतंकी हमले में भारी कमी हुई है.
2018 में 417 के मुकाबले 2021 में 229 आतंकी घटनाएं
गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा है कि जम्मू कश्मीर में 2018 के बाद आतंकी हमलों में कमी आई है. आंकड़ों के मुताबिक 2021 में यानी पिछले साल 229 आतंकी हमले हुए थे जिनमें 42 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और इन घटनाओं में 41 आम नागरिकों की जान भी गई थी. वहीं अगर 2020 की बात करें तो इस साल 244 आतंकी हमलों में 62 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे और 37 आम नागरिकों की मौत हुई थी. 2019 में 255 आतंकी हमले हुए जिसमें 80 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 39 आम नागरिकों की जान गई.
गृह मंत्रालय ने बताया है कि सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है जिसके लिए कई सख्त कदम उठाए गए और नई पहलों की शुरुआत भी की गई है. सरकार ने कहा कि यही कारण है 2018 में जहां 417 आतंकी घटनाएं हुईं थी वहीं 2021 में यह घटकर 229 रह गई.
नक्सली हिंसा की घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी
गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि देश में नक्सली हिंसा में भी लगातार कमी आई है. गृह मंत्रालय के मुताबिक 2009 में वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा की 2258 घटनाएं सामने आई थी. इसमें अब 77% की कमी आई है. 2021 में वामपंथ और उग्रवाद की घटनाएं सिमटकर 509 रह गई है. नक्सल हिंसा में वर्ष 2010 में 1005 लोगों की जान गई थी, जो 2021 में 85% कम होकर 147 हो गई है. गृह मंत्रालय के मुताबिक नक्सल हिंसा के भौगोलिक विस्तार में भी कमी आई है. वर्ष 2010 में 96 दिनों की तुलना में वर्ष 2021 में केवल 46 जिलों में वामपंथी उग्रवाद संबंधित हिंसा की सूचना मिली है.