इसी महीने आ जाएगी नाक में डाली जाने वाली वैक्‍सीन! भारत बायोटेक को जल्‍द मंजूरी की उम्‍मीद

नई दिल्ली. कोविड-19 वैक्सीन की नेजल वैक्सीन (नाक से दी जाने वाली वैक्सीन) पर काम कर रही भारत बायोटेक ने कहा है कि उसे अगस्त में नियामकीय लाइसेंस मिलने की उम्मीद है. कंपनी के प्रबंधन निदेशक (एमडी) डॉक्टर कृष्‍णा एल्‍ला ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ सही रहा तो अगस्त में लाइसेंस मिल जाएगा. बकौल एल्ला, अगर कोई नया वेरिएंट आता है तो नेजल वैक्सीन लगाकर काम करते रहना ज्यादा सहज होगा.

अगस्त में भारत को मिल सकती है नाक से दी जाने वाली वैक्सीन (सांकेतिक तस्वीर)

इसके अलावा डॉक्टर एल्ला ने कहा है कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के पास मंकीपॉक्स के लिए वैक्सीन बनाने की भी क्षमता है. उन्होंने कहा कि गुजरात के अंकलेश्वर में उनकी कंपनी का प्लांट और जर्मनी में बावेरियन नॉर्डिक ही 2 जगहें जिनके पास मंकीपॉक्स की वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता है.

नेजल वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल पूरा
कृष्णा एल्ला ने कहा कि जल्द ही लोगों को कोविड-19 से बचाने के लिए इंजेक्टेबल वैक्सीन के साथ-साथ नेजल वैक्सीन भी मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि कंपनी ने करीब 4,000 वॉलेंटियर्स के साथ नेजल वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और इस दौरान एक भी अवांछित घटना सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि कोई नया वेरिएंट आता है तो उससे भी निपटा जा सकेगा.

9 जगहों पर ट्रायल की मिली थी मंजूरी
देश की दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) ने भारत बायोटेक को नेजल वैक्सीन के 9 जगहों पर क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दी थी. डीजीसीआई ने इसके अलावा कंपनी को कोवैक्सीन और नेजल वैक्सीन की क्षमता और सुरक्षा की तुलना करने की भी अनुमति प्रदान की थी.

क्यों बेहतर है नेजल वैक्सीन
कृष्णा एल्ला ने नाक से दी जाने वाली वैक्सीन के समर्थन करते हुए कहा है कि कोई भी इंजेक्ट की जाने वाली वैक्सीन शरीर के निचले हिस्से को सुरक्षा प्रदान करती है इसलिए वैक्सीन लेने के बावजूद लोगों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. उन्होंने आगे कहा कि नेजल वैक्सीन पूरे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है.

नए वेरिएंट से हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ेगा
कृष्णा ने कोविड-19 के वेरिएंट बीए.5 को लेकर कहा कि ये डेल्टा और ओमीक्रॉन वेरिएंट से बिलकुल अलग है. बकौल एल्ला, उन्हें लगता है कि अगर यह वेरिएंट आक्रमण करता है तो हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ सकता है.