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अगर सफल होने की जिद है तो हारना नामुमकिन हो जाता है. फिर वो जिद किसी के लिए पागलपन भी हो सकती है. लेकिन आपके लिए मंजिल पाने का सिर्फ मकसद. 

ठीक इसी तरह गूगल में जॉब पाने वाले टाइलर कोहेन भी लोगों के लिए एक पागल थे. जो बार बार रिजेक्ट होने के बावजूद गूगल में अप्लाई करते रहे. आख़िरकार गूगल ने उन्हें नौकरी दे ही दी.

टाइलर कोहेन कहते हैं कि जिद और पागलपन में एक बारीक लकीर होती है. मैं अभी ये पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि मुझमें दोनों में से क्या है. उनका कहना है कि सफलता पर यह डिपेंड करता है. अगर हम जिद की बदौलत सफलता हासिल करते हैं तो सब इसकी तारीफें करते हैं, हालांकि अगर जिद हमें असफल करे तो वही लोग हमें पागल कहने से नहीं चूकेंगे. 

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दरअसल, टाइलर ने जिद कर रखी थी कि वो गूगल में जॉब जरूर करेंगे. इसके लिए उन्होंने एक या दो बार नहीं पूरे 39 बार रिजेक्ट हुए. लेकिन हर बार रिजेक्ट होने के बाद फिर से अप्लाई करते रहे. ताकि वो टेक इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक में नौकरी कर सकें. 

हो सकता है उनके इस जिद को देख लोग उन्हें पागल करार दे दिए रहे होंगे. लेकिन गूगल में नौकरी हासिल करने के बाद हम कह सकते हैं कि उनकी जिद ने ही उन्हें सफलता दिलाई है. 

अमेरिका की एक फूड कंपनी डोरडैश में असोसिएट मैनेजर-स्ट्रैटेजी एंड ऑपरेशन के पद पर नौकरी करने वाले टाइलर कोहेन को गूगल ने 40वीं बार अप्लाई करने के बाद नौकरी पर रखा है. 

टाइलर ने गूगल को भेजे गए अपने इमेल्स का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है. जिसमें देखा जा सकता है कि उन्होंने पहली मर्तबा 25 अगस्त 2019 को गूगल में अप्लाई किया था. उस साल टोटल तीन मर्तबा रिजेक्ट हुए. उसके बाद जून 2020 में फिर चौथी बार अप्लाई किया, लेकिन फिर रिजेक्ट हुए. इस तरह उन्होंने 39वीं बार 11 मई 2022 में अप्लाई किया लेकिन इस बार भी निराशा हाथ लगी. 

इसके बाद 19 जुलाई को उन्होंने 40वीं बार अप्लाई किया. इस बार गूगल ने उन्हें नौकरी दे दी. 

वहीं उनकी लिंक्डिन पोस्ट पर गूगल ने कहा कि “ये कैसा सफर रहा टाइलर! सच में ये एक समय ही रहा होगा. कई और लोगों ने उनकी पोस्ट पर कॉमेंट्स किये हैं.