ऊना. अपने बेवाक अंदाज के लिए जाने जाने वाले ऊना के कांग्रेस विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने एक बार फिर अपने ही संगठन को नसीहत दी है. वीरवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक सतपाल रायजादा ने कांग्रेस विधायक लखविंदर राणा और पवन काजल के पार्टी छोड़ने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. साथ ही साथ उन्होंने इसके लिए कहीं न कहीं अपने ही संगठन और नेतृत्व को भी जिम्मेदार ठहराया. विधायक सतपाल रायजादा ने पार्टी नेतृत्व को एकजुटता का पाठ पढ़ाते हुए पार्टी के उत्थान के लिए काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के तमाम विधायक, टिकटार्थी और अन्य नेता संगठन के साथ जुड़े हुए लोग हैं, उनके ऊपर किसी के नाम का ठप्पा लगाकर अनदेखी नहीं की जानी चाहिए.
इस मौके पर उन्होंने कई विकास कार्यो के टेंडर क्लब करते हुए प्रदेश के बाहर से आने वाली फर्मों को ठेके दिए जाने के सरकार के फैसले का भी जोरदार तरीके से विरोध किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर इन सभी टेंडर्स की समीक्षा करते हुए रद्द किया जाएगा. प्रदेश के दो कांग्रेस विधायकों लखविंदर राणा और पवन काजल के कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने के महज 24 घंटे के भीतर ही सतपाल सिंह रायजादा ने इस मसले को लेकर अपने ही पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं.
उनके ओहदे भी सलामत नहीं रहेंगे हालांकि विधायक ने दोनों विधायकों के पार्टी छोड़ने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि आने वाला वक्त कांग्रेस पार्टी का है और ऐसे में इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर आत्मघाती फैसला किया है. वीरवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि जरूरी नहीं कि पार्टी छोड़ने के लिए किसी नेता का अपना ही मन चाहे. इसके लिए कई सारी परिस्थितियां जिम्मेदार भी हो सकती हैं. उन्होंने इशारों इशारों में पार्टी नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेशभर का एक- एक कांग्रेसी कार्यकर्ता पार्टी को सत्ता में लाने के लिए जीत का प्रयास कर रहा है. लेकिन दूसरी तरफ विधायक इस प्रकार पार्टी छोड़कर जा रहे हैं तो कहीं न कहीं कोई कमी तो है. उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी सत्ता में नहीं आती है तो बड़े पदाधिकारियों को यह याद रखना होगा कि उनके ओहदे भी सलामत नहीं रहेंगे.
बेरोजगारी की तरफ धकेला जा रहा है
इस मौके पर कांग्रेस विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने प्रदेश सरकार द्वारा छोटे-छोटे विकास कार्यों को क्लब करते हुए करोड़ों रुपए के टेंडर्स में बदलकर प्रदेश के बाहर से आने वाली फर्मों को ठेके दिए जाने का कड़ा विरोध जताया. विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार के इन फैसलों से ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहे प्रदेश के स्थानीय निवासियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है और उन्हें बेरोजगारी की तरफ धकेला जा रहा है.
विकास कार्यों की बागडोर सौंपी जाएगी विधायक ने दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार को अपना फैसला तुरंत प्रभाव से बदलना होगा अन्यथा कांग्रेस इस मसले को लेकर सड़कों पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य हिमाचली हितों की रक्षा करना रहा है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मौजूदा सरकार के इन तमाम फैसलों का पुनरीक्षण करते हुए यह सभी टेंडर्स रद्द किए जाएंगे. वहीं, बाहर से आने वाली फर्मों को प्रदेश से बाहर करते हुए स्थानीय ठेकेदारों को तमाम विकास कार्यों की बागडोर सौंपी जाएगी.