नई दिल्ली. आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख निकल चुकी है अब करदाताओं को अपना रिफंड मिलने का इंतजार है. वैसे तो आयकर विभाग आपके ही पैसे रिफंड के रूप में लौटाता है, लेकिन फिर भी लोग इसे बोनस की तरह समझते हैं और बेसब्री से इसका इंतजार भी करते हैं.
कई बार तय समय पर आयकर रिटर्न भरने के बावजूद विभाग की ओर से आपका रिफंड नहीं आता और करदाता यह सोचकर परेशान रहता है कि कहीं उसका पैसा अटक तो नहीं गया. टैक्स मामलों के जानकार और सीए अतुल जैन बताते हैं कि अगर आपको भी ऐसा ही डर सता रहा या फिर समय बीतने के बाद भी रिफंड नहीं मिला तो इसके मुख्य रूप से 5 कारण हो सकते हैं. विभाग इन गलतियों की वजह से आपका रिफंड रोक सकता है. विभाग अमूमन 25 से 60 दिन के भीतर आपका रिफंड लौटा देता है.
1-अतिरिक्त दस्तावेज न देना
रिफंड अटकने के पीछे अक्सर सबसे बड़ी वजह यही होती है. दरअसल, आयकर विभाग को करदाताओं से अतिरिक्त जानकारी की दरकार होती है. लिहाजा जरूरी दस्तावेज मिलने के बाद ही विभाग आपका रिफंड प्रोसेस करता है. अगर आपको भी यह पता चले कि कोई डॉक्यूमेंट मिसिंग है तो अपने आकलन अधिकारी से संपर्क कर जरूरी दस्तावेज जमा कराएं और रसीद भी प्राप्त कर लें.
2-रिफंड का गलत दावा
कई मामलों में देखा गया है कि करदाता की ओर से रिफंड के दावे में बताई गई रकम विभाग के आकलन से मेल नहीं खाती है. ऐसा होने पर भी आपका रिफंड अटक सकता है. हालांकि, ऐसे मामलों में आयकर विभाग आपको नोटिस भेजकर बताएगा कि आपकी ओर से मांगी जा रही रिफंड की रकम गलत है, जबकि रिफंड कितना बन रहा है. आप इस नोटिस का जवाब देकर विभाग को संतुष्ट करते हैं तो जो भी वास्तविक रिफंड होगा, आपको मिल जाएगा.
3-आईटीआर में गलत ब्योरा
करदाता कई बार अपने आयकर रिटर्न में बेमेल या गलत ब्योरा भर देता है, जिससे उसका रिफंड अटक जाता है. ऐसे में संभव है कि आपकी ओर से दी गई जानकारी और विभाग के पास मौजूद जानकारी में अंतर हो. इसमें सबसे कॉमन गलती बैंक खाते को लेकर रहती है. अगर आपने सही बैंक खाता या खाते की सही जानकारी नहीं भरी तो आपका रिफंड निश्चित तौर पर अटक जाएगा.
4-बकाया टैक्स न चुकाने पर
अगर आपने अपनी टैक्स लाइबिलिटी का सही आकलन नहीं किया और विभाग की ओर से मांगे गए टैक्स से कम जमा किया तो भी आपका रिफंड अटक जाता है. ऐसे मामले में भी विभाग आपको नोटिस भेजकर बकाया टैक्स मांगता है और इसका भुगतान करने के बाद आपको रिफंड जारी कर दिया जाता है. कई बार विभाग आपके रिफंड को बकाया टैक्स के साथ समायोजित भी कर देता है.
5-बैंक खाता या आईटीआर वेरिफाई न होने पर
अगर आपने अपने बैंक खाते को प्री-वेरिफाइड नहीं किया है, जिसमें रिफंड आना है तो इसकी वजह से भी पैसा अटक सकता है. करदाता को चाहिए कि वह अपने बैंक खाते की डिटेल आयकर रिटर्न में भरने से पहले खाते को प्री-वैलिडेट यानी पूर्व सत्यापित जरूर कर लें. इसके अलावा कुछ करदाता अपना रिटर्न तो समय पर भर देते हैं, लेकिन आईटीआर को तय समय में वेरिफाई नहीं करते. इस कारण से भी आपका रिफंड अटक सकता है.
न मिले रिफंड तो क्या करें करदाता
अगर सबकुछ सही होने पर भी आपको रिफंड नहीं मिला है तो सबसे पहले अपने बैंक से बात करनी चाहिए. कई बार आयकर विभाग की ओर से रिफंड जारी किए जाने के बावजूद बैंक इसे आपके खाते में डालने में देरी कर देता है. अगर यहां भी बात न बने तो विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट के जरिये शिकायत भेज सकते हैं या फिर टोल फ्री नंबर के जरिये भी अपने रिफंड को लेकर विभाग से जानकारी ले सकते हैं.