नई दिल्ली. इस साल 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव देख चुका टमाटर अब कौडि़यों के रेट में पहुंच चुका है. लागत के मुकाबले आधी आमदनी देख किसान गुस्से से लाल हैं और अपनी फसल कचरे में फेंक रहे हैं.
दरअसल, अनुकूल मौसम से इस बार आंध्र प्रदेश के किसानों ने टमाटर का बंपर उत्पादन किया है. इससे कीमतों में अचानक बड़ी गिरावट आ गई. मई तक 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकने वाला टमाटर अभी मंडी में खुदरा 12 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है. हालांकि, बिचौलिये किसानों को सिर्फ 3 रुपये प्रति किलोग्राम का ऑफर दे रहे हैं. इससे उन्हें बड़ा नुकसान होरहा और मजबूरन टमाटर फेंकने पड़ रहे.
आधे से ज्यादा का नुकसान
आंध्र प्रदेश के नंदीगामा स्थित एक किसान ने बताया कि इस सा टमाटर की मांग को देखते हुए उन्होंने 5 एकड़ की फसल लगाई थी, जिससे रोजना 60 किलोग्राम टमाटर निलकल रहा है. उन्होंने बताया कि प्रति किलोग्राम टमाटर की लागत 6 रुपये की आती है, लेकिन मंडी में उन्हें सिर्फ 3 रुपये का ऑफर दिया जा रहा है. इसके ऊपर से ट्रांसपोर्ट का भी खर्चा है. हमारी लागत के मुकाबले आधी भी कमाई नहीं हो रही. लिहाजा अब टमाटर को अपने मवेशियों को खिलाने का फैसला किया है.
सीधे ग्राहकों को बेच रहे टमाटर
कई किसान मंडी में सही मूल्य नहीं मिलने की वजह से अपना टमाटर बेचने से भी इनकार कर रहे हैं और विरोध के लिए इसे कचरे में फेंक रहे हैं. कुछ किसानों ने इस समस्या का हल पाने के लिए खुद ही स्टॉल लगाना शुरू कर दिया है. इससे वे अपने टमाटर सीधे उपभोक्ताओं को बेचकर इसकी अच्छी कीमत पा रहे हैं. हालांकि, ऐसा करके किसान कुल उपज का सिर्फ छोटा हिस्सा ही ग्राहकों को बेच पाएंगे.
अक्तूबर से बढ़ेंगे दाम
कृषि अधिकारियों का कहना है कि टमाटर की ऐसी हालत देख कई किसान फसल उगाना बंद कर रहे हैं, जिससे आने वाले समय में इसकी आवक कम हो जाएगी और कीमतों में दोबारा उछाल दिखने लगेगा. उन्होंने कहा कि अक्तूबर से त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है, जिसके बाद टमाटर की मांग में तेजी आएगी. ऐसे में आवक में गिरावट की वजह से इसकी कीमतों में तेज उछाल आना संभव है.