ओद्यौगिक नगरी बद्दी के तहत आनें वाली थाना पंचायत के नरंगपुर गांव में एक गरीब किसान की खेती वाली भूमी प्रशासन की अनदेखी के कारण नाले में तबतील हो गई ओर गरीब किसान की जमींन पर उगी मक्का की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो गई। गरीब वद्ध किसान जब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट कर थक गया तो किसान नें मीडिय़ा के जरिये अपना दर्द बयां किया ओर सरकार से मद्द की अपील की है।
एक तरफ तो कोरोना महामारी के चलते ग्रामीणों एव किसानों को लॉकडाउन में विकास कार्यो में हो रही दरी का सामना करना पड़ रहा है वहीं बद्दी के तहत थाना पंचायत के नरंगपुर गांव का एक वृद्ध गरीब किसान प्रशासन की अनदेखी के कारण अपनी उपजाऊ जमींन ओर फसल को बरसात एव सीवरेज़ के गंदे पानी में बहनें ओर अपनी भूमी पर उगी मक्का की फसल बर्बाद होनें के कारण काफी परेशान है जोकि आज के समय में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट- काट कर थक चुका है ओर मीडिया के जरिये सरकार से अपनें लिये मद्द की गुहार लगा रहा है। दूंन की ग्राम पंचायत थाना के गांव नारंगपुर के किसान गुरबख्श राम और उसके भाई परस राम नें अपना दर्द बंया करते हुये बताया कि उनकी 6 बीघा 8 बिस्वा उपजाऊ भूमि पर उगी मक्का की फसल लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गई बारिश के पानी की निकासी ना होने के चलते बारिश का पानी उनके खेतों से रास्ता बनाकर नाले में जा रहा है जिस कारण उनकी उपजाऊ भूमी बरसाती नाले में तबतील हो गई है ओर गांव के एक प्रतिनिधी द्वारा उनकी जमींन में सीवरेज़ का गंदा- बदबूदार पानी छोड़ा गया है ओर उनके बार- बार बोलनें का बाद भी उक्त व्यक्ति सीवरेज़ के पानी को उनके खेत में आने से नहीं रोक रहा। किसान गुरबख्श नें बताया कि पिछले वर्ष भी बारिश के पानी की निकासी ना होने के चलते उनकी उपजाऊ जमीन से बरसाती पानी नें अपना रास्ता बना लिया ओर जमींन को नाले में तबतील कर दिया जिस कारण उनकी उपजाऊ भूमी को खासा नुकसान पहुंचा था जिसके पश्चात उनके द्वारा पंचायत प्रधान और एसडीओ पीडब्ल्यूडी बद्दी को इसके बारे में बार- बार अवगत करवाया गया जिसके बाद एसडीओ द्वारा मौके का निरीक्षण भी किया गया था और आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही बरसाती पानी की निकासी के लिये ओर सीवरेज़ के पानी के लिये नाली का काम करवा दिया जाएगा लेकिंन एक साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही प्रशासन की ओर से नहीं कि गई तथा इस वर्ष भी बरसाती एव सीवरेज़ के पानी की निकासी के लिये नाले का कार्य ना होने के चलते उनके द्वारा उगाई गई मक्का की लगभग सारी फसल बारिश के पानी की भेंट चढ़ गई। वद्ध गरीब किसान नें बताया कि उनके परिवार का सारा खर्च खेतीबाड़ी से ही चलता है ओर इसके इलावा उनके पास अन्य कोई भी साधन नहीं है जिसके द्वारा वह अपनें परिवार का पालन- पोषण कर सकें।
वृद्ध गरीब किसान का मीडिय़ा के सामनें छलका दर्द:-
वृद्ध गरीब किसान गुरबख्श राम नें अपना दर्द मीडिय़ा के सामनें बयां करते हुये बताया कि उनके खेत में दो बैग हाइब्रिड मक्का के लगे है जिसमें एक बैग की कीमत लगभग बारह सौ रूपये के करीब है और साथ ही हाई क्वालिटी की खाद भी उनके द्वारा खेत में डाली गई थी जोकि बारिश के पानी के साथ बह गई ओर उनकी लगभग सारी फसल ओर उपजाऊ भूमि बर्बाद हो गई। उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे तींन बहूऐं ओर उनके आगे पांच बच्चे है ओर साथ ही उनके भाई का एक लड़का एक बहू ओर उनकी आगे एक बेटी है जिन सबका पालन- पोषण खेती- बाड़ी ओर मजदूरी के जरिये ही होता है ओर इस मंहगाई के दौर में इतनें बड़े परिवार का पालन- पोषण करना बहुत ही कठिन है ओर खेती के जरिये ही वह अपनें परिवार का पालन- पोषण करते आ रहे है लेकिंन प्रशासन की अनदेखी के कारण उनकी उपजाऊ भूमि ओर फसल बरसात के पानी की भेंट चढ़ गई है ।
गरीब किसान की क्या है मांग:-
किसान गुरबख्श राम नें मीडिय़ा के जरिये प्रशासन ओर सरकार से मांग की है कि पहले ही मंहगाई नें किसानों की कमर तोड़ रखी है उपर से प्रशासन की अनदेखी के कारण उनकी सारी फसल ओर उपजाऊ भूमी बर्बाद हो गई उन्होंने प्रशासन एव सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द बरसात एव सीवरेज़ के पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण किया जाये ताकि आने वाले समय में उनकी उपजाऊ जमीन ओर फसल को नुकसान होने से बचाया जा सके।
क्या कहते है पंचायत प्रधान:-
इस मामले के बारे में जब पंचायत प्रधान तरसेम चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष पंचायत द्वारा एक प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी विभाग को नाली बनाने के लिए दिया गया था मगर इस वर्ष मार्च माह में लॉकडाउन लग जाने के कारण सभी विकास कार्य बंद कर दिए गए थे उसके पश्चात जब विकास कार्यों की अनुमति सरकार द्वारा दी गई उस समय पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ जिन्हें पिछले वर्ष प्रस्ताव दिया गया था उनकी रिटायरमेंट होने के चलते कार्य पूरा नहीं हो सका जिसके लिए पंचायत द्वारा पुन: एक प्रस्ताव एसडीओ पीडब्ल्यूडी को दिया जाएगा ताकि जल्द से जल्द बारिश के पानी की निकासी का कार्य आरंभ हो सके और ग्रामीणों को आ रही समस्या से निजात मिल सके।