किसान जितेंद्र चौधरी, से सीखें छोटे टैंक में मोती पालन करने का तरीका

हम जब भी कृषि के बारे में बात करते हैं तो खेत, बीज, सिंचाई और फसल आदि चीजें हमारे दिमाग में आती है। लेकिन आज के जमाने में, कृषि इन सबसे कहीं आगे बढ़ चुकी है। इस एक शब्द के अंतर्गत और भी कई अलग-अलग तरह के विषय शामिल हो चुके हैं जैसे- मछली पालन, मधुमक्खी पालन, मोती पालन आदि। सबसे अच्छी बात यह है कि अब खेती करने के लिए, बहुत ज्यादा जमीन की भी आवश्यकता नहीं है। अब, अगर आप चाहें तो अपने घर में भी खेती कर सकते हैं। जैसे उत्तर प्रदेश के जितेंद्र चौधरी अपने घर में मोती उगा (Pearl Farming) रहे हैं। 

गाजियाबाद के मुरादनगर में खुरमपुर गाँव के रहने वाले जितेंद्र चौधरी, अपने घर में ही व्यावसायिक स्तर पर मोती पालन कर रहे हैं। कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर्स करने वाले जितेंद्र, एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं। कुछ अलग करने की चाह में उन्होंने मोती पालन की शुरुआत की। साल 2009 में उन्होंने 20 हजार रुपये के निवेश के साथ मोती पालन शुरू किया। लेकिन उनका मानना है कि अगर कोई चाहे तो 5-10 हजार रुपये के बीच में भी शुरुआत कर सकता है। 

तालाब से लेकर सीमेंट के बने टब या मछलियों वाले टैंक में भी मोती पालन किया जा सकता है। इसके कई तरीके हैं। जितेंद्र जिस तरीके से मोती पालन करते हैं, उसे ‘रिसर्क्युलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम’ (RAS) कहते हैं।