वॉशिंगटन. कैलिफोर्निया (California) में ओक के जंगल में तेजी से फैलती आग ने अब तक 15 हज़ार से अधिक एकड़ की वन ज़मीन को जला कर खाक कर दिया है. हालांकि कैलिफोर्निया के अग्निशमन विभाग का कहना है कि आग लगने की प्रक्रिया इस बार पहले की तरह चरम पर नहीं है और दमकलकर्मी स्थिति को काबू में करने की कोशिश रहे हैं.
भीषण गर्मी से परेशान कैलिफोर्निया में जंगल आग में घी का काम कर रही है. सबसे ज्यादा मुसीबत दमकलकर्मियों को आ रही है, उन्हें इतनी भयानक गर्मी में आग बुझाने के लिए बुरी तरह जूझना पड़ रहा है.
बीबीसी की खबर के मुताबिक कैलिफोर्निया के वन एंव अग्नि सुरक्षा विभाग का कहना है कि करीब 6000 लोगों को बचाया गया है. आग के कारण तीन हज़ार से अधिक घरों और व्यापारों पर खतरा मंडरा रहा है. इस मामले को लेकर रविवार को हुई एक बैठक में अधिकारियों नें उम्मीद जताई कि आग पर जल्दी ही काबू पा लिया जाएगा.
शनिवार को मरिपोसा काउंटी में आपातकाल घोषित कर दिया गया था. अब इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की सहायता ली जाएगी. अधिकारियों ने आशंका जताई है कि क्लाइमेट चेंज, सूखा और जरुरत से अधिक वनस्पति आग को बढ़काने में मददगार साबित होंगे.
यही नहीं संयुक्त राज्य अमेरिका का अधिकांश हिस्सा इन दिनों लू की चपेट में है और करीब एक दर्जन राज्यों के लिए भीषण गर्मी को लेकर चेतावनी जारी की गई है. मरिपोसा काउंटी का तापमान रविवार को करीब 38 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया. आने वाले कुछ दिनों तक स्थिति और बदतर होने की आशंका है.
योसेमाइट राष्ट्रीय उद्यान, जहां ओक के जंगल में आग लगी हुई है दुनिया के कुछ सबसे बड़े और पुराने सिकोइया पेड़ों का घर है. इस महीने की शुरूआत में रेडवुड को भी आग का खतरा था लेकिन वक्त रहते दमकलकर्मियों ने उस पर काबू पा लिया.
अमेरिकी वन विभाग ने कहा है कि पेड़ों की सुरक्षा के लिए वह आपातकालीन उपाय कर रही है, इसमें नीचे फैली हुई घास को हटाना शामिल है. घास की वजह से आग को फैलने में आसानी हो जाती है.
जलवायु परिवर्तन की वजह से शुष्क हुए मौसम और गर्मी ने जंगल की आग को बढ़ावा दिया है. अमेरिका ही नहीं यूरोप भी जंगलो में लगने वाली आग से परेशान है।
बीते कुछ हफ्तों में यूरोपीय सरकार ने दर्जनों अलग अलग जंगलों की आग को रोकने को लेकर संघर्ष किया है.