कोविड जितना खतरनाक नहीं है मंकीपॉक्स, वैक्सीन भी मौजूद… डॉक्टर फहीम यूनुस की बात को गांठ बांध लीजिए

Monkeypox India : दिल्ली में 34 साल के व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए जाने के बाद देशवासियों की चिंता बढ़ गई है। लोगों को कोरोना की तरह नए खतरे का डर सता रहा है। भारत में मंकीपॉक्स के रोगियों की कुल संख्या बढ़कर 4 हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, स्थिति नियंत्रण में है। ऐसे समय में अमेरिकी डॉ. फहीम यूनुस की इन बातों को याद रखना चाहिए।

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। इसका क्या मतलब है, इस बीमारी से कैसे बचना है, इस पर कुछ काम की बातें बताई हैं डॉ. फहीम यूनुस ने। डॉ. फहीम पिछले दो साल से कोरोना पर महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर करते रहे हैं। पिछले 12 साल में डब्ल्यूएचओ 7 बीमारियों को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है। 2009 में स्वाइन फ्लू, 2014 में पोलियो, 2014 में इबोला, 2015 में जीका वायरस, 2018 में इबोला और 2019 में कोविड पर इस तरह के ऐलान किए गए। हालांकि इनमें से ज्यादातर बीमारियों ने महामारी का रूप नहीं लिया।

कोविड और मंकीपॉक्स का अंतर समझ लीजिए
मंकीपॉक्स कम खतरनाक लगता है। कोविड ज्यादा खतरनाक है क्योंकि
मंकीपॉक्स से बचकर रहने की जरूरत है लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि
अगर समय पर मंकीपॉक्स का इलाज करना है तो इसके लिए टेस्टिंग बढ़ानी होगी। अभी सिर्फ कुछ खास लैब ही इस टेस्ट को कर सकती हैं। संपर्क में आए लोगों और उस इलाके के लोगों को वैक्सीन दी जानी चाहिए। मंकीपॉक्स के केस अगले कुछ महीनों में बढ़ सकते हैं। उसके बाद इनमें गिरावट आएगी। ऐसे में इन बातों का ध्यान रखें: