नई दिल्ली. भारतीय बाजार में इन दिनों कई बेहतरीन और हाई-एंड फीचर्स वाली नई कारें लॉन्च हो रही है. त्योहारों का समय नजदीक आने के साथ आप में से अधिकांश लोग नई कार खरीदने की योजना बना रहे होंगे. यहां बताया गया है कि खरीदारी करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
आपकी कार खरीदने का सबसे पहला स्टेप कार का सिलेक्शन करना है. आखिर में एक खरीदने से पहले कई वाहनों और कीमतों की तुलना करना सबसे अच्छा होगा. अपने बजट और उपयोग की आवश्यकताओं के आधार पर वाहन खरीदना भी महत्वपूर्ण है. यहां आपको कुछ बैंक की ब्याज दरों के बारे में बता रहे हैं.
बैंक का नाम | ब्याज दर (वार्षिक) |
भारतीय स्टेट बैंक | 7.20% से शुरू |
केनरा बैंक | 7.30% से शुरू |
एचडीएफसी बैंक | 7.95% से शुरू |
आईडीबीआई बैंक | 7.35% से शुरू |
पंजाब नेशनल बैंक | 6.65% से शुरू |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 7.40% से शुरू |
10-15% करना होगा डाउन पेमेंट
एक बार जब आप एक कार का चयन कर लेते हैं, तो अगला स्टेप फाइनेंसिंग होती है. आप सेल्फ फाइनेंसिंग के जरिए वाहन खरीद सकते हैं या बैंक से कार लोन ले सकते हैं. कार लोन लेते समय, आपको डाउन पेमेंट के रूप में लगभग 10-15% की व्यवस्था करनी होगी. बाकी पैसा बैंक से फाइनेंस किया जा सकता है.
बहुत से लोग कार लोन पर खरीदना पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें आमतौर पर कम ब्याज दर होती है. लोन के लिए आवेदन करना और उसका लाभ उठाना भी आसान है. यहां तक कि कम क्रेडिट स्कोर वाला व्यक्ति भी कार लोन आसानी से ले सकता है, क्योंकि यह एक सुरक्षित लोन है और वाहन स्वयं एक सिक्योरिटी के रूप में रहती है. यह लोन लेते समय आपको कोई अन्य सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं होती है.
इसलिए लग जाता है ज्यादा ब्याज
जब आप कार लोन लेते हैं, तो आपका वाहन जिस पर लोन लिया जाता है, बैंक पर गिरबी के तौर पर रखा रहता है. बैंग सभी भुगतानों के बाद ही आपको कार का पूर्ण स्वामित्व देते हैं. कार लोन लेते समय ब्याज दर एक महत्वपूर्ण चीज है, क्योंकि यह आपके वाहन की कुल लागत तय करेगा. कार लोन की राशि जितनी अधिक होगी, आपकी ईएमआई उतनी ही अधिक होगी. इसी तरह, यदि आप कम समय के लिए लोन लेते हैं, तो ईएमआई ज्यादा होगी. लंबे समय के लिए लोन लेने पर ईएमआई तो कम हो सकती है, लेकिन वाहन पर कुल ब्याज अधिक होगा.