खून पतला करने की दवा ले रहीं करीब एक चौथाई गर्भवती महिलाओं की हालत गंभीर हो रही हैं। इन्हें डिलीवरी के बाद लंबे समय तक अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखना पड़ रहा है। यदि ऐसा नहीं करते, तो मरीज की मौत भी हो सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने बीते पांच साल में डिलीवरी करवाने आई महिलाओं पर हुए एक अध्ययन में इसका खुलासा किया है।
अध्ययन के दौरान देखा गया कि बीते पांच साल में एम्स में करीब 6,000 महिलाओं की डिलीवरी हुई है। इसमें से 183 गर्भवती महिलाओं को खून पतला करने की दवा दी जा रही थी। इनमें 46 महिलाओं की हालत बेहद गंभीर पाई गई। इन 46 महिलाओं में से 42 मरीज हृदय रोग जबकि 4 मरीज लीवर की समस्या से परेशान थीं।
एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की वरिष्ठ डॉक्टर नीना मल्होत्रा ने बताया कि पिछले 5 साल में एम्स में डिलीवरी करवाने आईं जिन महिलाओं को खून पतला करने की दवा दी जा रही थी, उसमें 46 की हालत गंभीर मिली। इनमें से 91 फीसदी से अधिक को हृदय रोग की समस्या के कारण दवा दी जा रही थी। उन्होंने कहा कि हृदय रोग, लीवर की समस्या, नसें बंद होने व अन्य कारणों से महिलाओं को खून पतला करने की दवा देने की जरूरत पड़ती है। इन महिलाओं पर गर्भावस्था के दौरान विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
हार्ट के साथ गायनी विभाग में भी करें संपर्क
डॉ. नीना मल्होत्रा ने कहा कि अध्ययन के दौरान पाया गया कि महिलाओं के परिजन हार्ट का उपचार करवाने के दौरान गायनी विभाग से संपर्क नहीं करते, जबकि महिला को गर्भधारण करने से पहले गायनी विभाग में भी संपर्क करना चाहिए, जिससे समस्या आगे चलकर बड़ा रूप न ले। उन्होंने कहा कि गायनी के डॉक्टर महिलाओं की स्थिति देखकर उन्हें गर्भधारण करने का उचित समय व अन्य को लेकर सलाह दे सकते हैं जिससे समस्या बड़ी नहीं होगी। इसके अलावा माता-पिता व समाज को भी ऐसी लड़की या महिला पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
6 माह तक अस्पताल में रही भर्ती
डॉ. मल्होत्रा ने कहा कि दवा ले रहीं 46 मरीजों में से एक मरीज को 6 माह तक अस्पताल में निगरानी में रखना पड़ा। वहीं एक मरीज 30-40 दिन तक आईसीयू में रहीं। जबकि ज्यादातर महिलाओं को 30 दिन डॉक्टर की निगरानी में रखना पड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं पर ज्यादा निगरानी की जरूरत होती है। इन महिलाओं को अपने शरीर के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी भार झेलना होता है, जो काफी कष्टदायक होता है।
एम्स में आयोजित हुआ सेमिनार
एम्स में महिलाओं को दी जा रही खून पतला करने की दवा देने को लेकर मंगलवार को एक सेमिनार हुआ। इस सेमिनार में गायनी के अलावा हार्ट, लीवर सहित विभाग के डॉक्टरों ने भी अपने विचार रखे।