गिर में शेर के हमले से खेतिहर मजदूर की हुई मौत, आदमखोर को वन विभाग ने पकड़ा

अहमदाबाद. गुजरात के अमरेली जिले में शनिवार शाम को शेर के हमले में एक 18 वर्षीय खेतिहर मजदूर की मौत हो गई. वन अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. गिर (पूर्व) के उप वन संरक्षक (वन्यजीव) राजदीप सिंह झाला ने बताया कि लगभग आठ साल के आदमखोर एशियाई शेर को काफी प्रयासों के बाद रविवार तड़के पकड़कर एक बचाव केंद्र ले जाया गया.

गिर वन में शेर के हमले से खेतिहर मजदूर की हुई मौत (twitter.com/rashtrapatibhvn)

गिर (पूर्व) के उप वन संरक्षक (वन्यजीव) राजदीप सिंह झाला ने बताया कि मध्य प्रदेश का रहने वाला भयदेश पयार तुलसीश्याम वन क्षेत्र के नानीधारी गांव जा रहा था. तभी शेर ने उस पर हमला कर दिया और उसे खींचकर ले गया. वन्यजीव अधिकारी झाला ने कहा कि ‘स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी. जिसके बाद एक दल वहां पहुंचा और उसे युवक के शरीर के अवशेष मिले. इसके तुरंत बाद शेर को पकड़ने के लिए प्रयास किए गए.

राजदीप सिंह झाला ने कहा कि बाद में शेर को पकड़ लिया गया और धारी के एक बचाव केंद्र ले जाया गया. गौरतलब है कि एशियाई शेर गिर जंगल समेत गुजरात में सौराष्ट्र क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं. जून 2020 की गणना के अनुसार गिर वन क्षेत्र में 674 शेर थे. जबकि 2015 में इनकी संख्या 523 थी.देश में शेरों के एकमात्र निवास स्थान गिर वन में हर साल बड़ी संख्या में लोग जंगल के इस राजा को देखने के लिए आते हैं.

गिर अभयारण्य और गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेरों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट लॉयन को मंजूरी दी है. इसके लिए विशेष रूप से 1000 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी गई है. गिर के शेरों की बेहतरी के लिए इस फंड को 2022 के दिसंबर महीने तक जारी कर दिए जाने की योजना है. मई 2022 में केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन विभाग के अधिकारियों को गिर के शेरों के लिए अगले 25 साल का रोडमैप तैयार करने का निर्देश भी दिया था.