वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के शिक्षित युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मंे योजनाबद्ध प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐसी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं जो शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वावलम्बी बनाने के साथ-साथ रोजगार प्रदाता भी बना रही हैं। मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना ऐसी ही एक महत्वाकांक्षी योजना है।
मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना अल्प समय में ही प्रदेश के युवाओं के लिए आशा की किरण बन कर उभरी है। वैश्वीकरण के समय में यह योजना युवाओं को उनके घर-द्वार के समीप बेहतर स्वारोजगार उपलब्ध करवा रही है।
प्रदेश के औद्योगिक जिला सोलन के युवा मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना को हाथों-हाथ ले रहे हैं। सोलन जिला की ऐसी ही एक युवा हैं डाॅ. किरण शर्मा। डाॅ. किरण एक दन्त चिकित्सक हैं। सोलन जिला के कुम्हारहटट्ी में नाहन मार्ग पर डाॅ. किरण शर्मा का ‘माॅडर्न डेन्टल क्लीनिक’ मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना की सफलता की जीती जागती मिसाल है।
वर्ष 2019 में डाॅ. किरण को मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना के बारे में पता चला। उन्होंनेे पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला उद्योग केन्द्र सोलन से सम्पर्क किया। उन्हें अवगत करवाया गया कि योजना के तहत 18-45 वर्ष के युवाओं को न केवल बेहतर निवेश उपलब्ध करवाया जा रहा है अपितु उपदान भी दिया जा रहा है। उन्हें बताया गया कि योजना के तहत प्रदेश सरकार महिलाओं को 30 प्रतिशत उपदान प्रदान कर रही है।
डाॅ. किरण ने जून, 2019 में मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना के अन्तर्गत अपने क्लीनिक में दन्त चिकित्सा उपकरण स्थापित करने के लिए के लिए 06 लाख रुपए के ऋण के लिए आवेदन किया। 02 से 03 माह में उनका ऋण स्वीकृत हो गया और अक्तूबर, 2019 में उन्होंने अपने ‘माॅडर्न डेन्टल क्लीनिक’ में विधिवत कार्य आरम्भ भी कर दिया।
हालांकि कोविड-19 के कारण उन्हें अपनी क्लीनिक को कुछ समय के लिए बन्द करना पड़ा, किन्तु अब धीरे-धीरे पुनः उनका कार्य रफ्तार पकड़ रहा है।
डाॅ. किरण ने इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि वे अब तक कुल ऋण में से 02 लाख रुपए की राशि लौटा चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि जिला के ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित अपनी इस क्लीनिक में वे क्षेेत्रवासियों को आधुनिक दन्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत हैं। उनके क्लीनिक में डिजीटल एक्स-रे की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत वे प्रतिदिन अपने क्लीनिक को सेनिटाईज करती हैं और लोगों को कोविड-19 दिशा-निर्देशों की जानकारी भी देती हैं ताकि सभी इनका पूर्ण पालन करें और सुरक्षित रहें।
उन्होंने अवगत करवाया कि क्षेत्र की जनता अपने घर के समीप आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने से उत्साहित है और क्षेत्र में नज़दीक ही प्रतिष्ठित चिकित्सा महाविद्यालय एवं दन्त चिकित्सा महाविद्यालय होने के बाद भी अब तक 400 से अधिक लोग उनसे उपचार करवा चुके हैं।
मूल रूप से सोलन जिला के पट्टा बरौरी की रहने वाली डाॅ. किरण ने वर्ष 2008 में सोलन के डी.ए.वी दन्त चिकित्सा महाविद्यालय से स्नातक करने के उपरान्त लम्बे समय तक मुम्बई, गुरूग्राम (गुड़गांव) तथा दिल्ली में दन्त चिकित्सक के रूप में कार्य किया। किन्तु हिमाचल की साफ आबो-हवा में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने की डाॅ. किरण की इच्छा उन्हें वापिस ले आई। ऐसे में उनके लिए संजीवनी बनी मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना।
डाॅ. किरण ने बताया कि वे निकट भविष्य में 2 से 3 लोगो को अपनी क्लीनिक में रोजगार देने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर दन्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना चाहती हैं।
डाॅ. किरण की सफलता देश एवं प्रदेश की उन सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल है जो व्यावसायिक रूप से दक्ष हैं और अपने परिवेश में कुछ ऐसा करना चाहती हैं जो न केवल आर्थिक तरक्की का ज़रिया हो अपितु लोगों के लिए लाभदायक भी हो।
डाॅ. किरण ने सिद्ध किया है कि सही दिशा मंे किए गए प्रयास हर हाल में सफल होते हैं।