छत्तीसगढ़: मिशन 2023 पर बीजेपी का फोकस, 250 नेताओं को दिया जा रहा ट्रेनिंग, कांग्रेस ने कसा तंज

रायपुर. छत्तीसगढ़ बीजेपी में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर जारी है. शिविर के दूसरे दिन सुधांशु त्रिवेदी और केके शर्मा जैसे राष्ट्रीय नेताओं ने प्रशिक्षित किया तो वहीं संघ के नेता भी शिविर में शिरकत कर रहे हैं. बीजेपी जहां अपने प्रसिक्षण को मिशन 2023 की तैयारी मान करचल रही है, तो वहीं कांग्रेस तंज कस रही है.

राजधानी रायपुर के एयरपोर्ट के पास स्थिति जैनम मानस भवन में छत्तीसगढ़ बीजेपी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर जारी है. करीब 250 नेता-कार्यकर्ताओं के लिए जारी इस शिविर में केंद्रीय सत्ता से लेकर संगठन तक के और संघ के भी नेता शामिल हो रहे हैं. कुल 19 सत्रों में आयोजित इस शिविर के दूसरे दिन सुधांशु त्रिवेदी और केके शर्मा जैसे बड़े नेता शामिल हुए.

शिविर को लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा संसाद सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया हैं कि बीजेपी में प्रशिक्षण वर्ग लगातार किया जाता है. क्योंकि बीजेपी सत्ता आधारित राजनीति नहीं करती. साथ ही यह भी कहा कि केंद्र की योजनाओं को लेकर केंद्र की नीतियों को लेकर कैसे धरातल पर कार्य किया जा सकता है. इन सब की तैयारी की जा रही है. वहीं मिशन 2023 में कैसे कांग्रेस को मात दी जाए इस पर भी रणनीति तैयार की जा रही है.

दरअसल छत्तीसगढ़ बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को मिशन 2023 मान कर चल रही है और सत्ता के गलियारों में कैसे लौटा जाए इस पर लगातार मंथन कर रही है. बीजेपी के प्रशिक्षण शिविर में सुचिता की राजनीति के प्रशिक्षण का दावा किया जा रहा है. मगर कांग्रेस इसके ठीक उलट तंज कस रही हैं कि छत्तीसगढ़ बीजेपी मुद्दा विहीन है और केंद्रीय नेताओं को बुलाकर कैसे झूठ की राजनीति, साम्प्रदायिकता की राजनीति, धर्म और जाति की राजनीति का प्रशिक्षण ले रही है.

कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला कहते हैं कि छत्तीसगढ़ बीजेपी को सच में प्रशिक्षण की जरूरत है क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा ही नहीं है और अगर कोई मुद्दा होता तो वे बीते तीन साल में जरूर किसी ना किसी मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरती.

बीजेपी ने शुरू की तैयारी
छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में विधानसभा का चुनाव है जिसकी तैयारियों में बीजेपी पूरी तरह से जुटी हुई है तो वहीं कांग्रेस भी दोबारा सत्ता  में आने की राह तलाश रही है. क्योंकि दोनों ही दल जुबानी जंग में तो जरूर एक दूसरे से बेहतर होने की कोशिश कर रही है. मगर से चुनावी जंग में जीत किसकी होगी यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा.