युद्धग्रस्त यूके्रन में दिन-प्रतिदिन बिगड़ते हालातों के बीच ऊना के आधा दर्जन छात्र कीव व खारकीव से निकल पाने में सफल हुए है। वहीं, खारकीव में भारी गोलाबारी के चलते दो छात्र रेलवे स्टेशन तक नहीं पहुंच पाए तथा उन्हें वापस बंकरों में शरण लेनी पड़ी है, जबकि ऊना के छह विद्यार्थी स्लोवाकिया, हंगरी व रोमानिया के बार्डर पर पहुंच गए हैं। खारकीव में कर्नाटक के एक छात्र के गोलीबारी की चपेट में आने से हुई मौत से ऊना के अभिभावकों की भी चिंताए बढ़ गई है। हालांकि खारकीव में फंसे ऊना के बंगाणा उपमंडल के झंबर गांव के निवासी रविंद्र शर्मा के पुत्र पुनीत शर्मा व बोट गांव के मनोज कुमार राणा के पुत्र कार्तिक राणा फोन के जरिए लगातार अपने परिजनों से संपर्क बनाए है। पुनीत शर्मा व कार्तिक राणा ने बताया कि वह खारकीव से रेल मार्ग से लबीव जाने के लिए अपने क्वार्टर से निकले थे,लेकिन खारकीव में रूसी सेना द्वारा भारी गोलाबारी के कारण रेलवे स्टेशन तक नहीं पहुंच पाए तथा उन्हें वापस बंकरों में शैल्टर लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह पुरी तरह सुरक्षित है,लेकिन अब उनके पास खाने-पीने को कुछ नहीं बचा है। पिछले तीन दिनों से खाने-पीने की दिक्कत आ रही है। उनके साथ करीब 250 भारतीय छात्र-छात्राएं खारकीव में फंसे है।
इमीगे्रशन के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइनें
ऊना शहर के वार्ड नौ निवासी प्रथम पुत्र नवदीप कश्यप सोमवार शाम को यूक्रेन की राजधानी कीव से रेल मार्ग से लबीव पहुंचे, यहां से वह टैक्सी से स्लोवाकिया बार्डर पर पहुंच गए। यहां पर इमीगे्रशन के लिए कई किलोमीटर लंबी कतारे लगी है। वहीं, ऊना के वार्ड तीन के निवासी सुखविंद्र सिंह ने बताया कि उनका पुत्र परविंद्र कीव से लवीव होते हुए हंगरी में प्रवेश पाने में सफल रहा है।
कीव से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे छात्र
बाथू पंचायत से अशोक राणा के पुत्र शानू राणा भी कीव से लवीव होते हुए हंगरी में प्रवेश कर गए है। ऊना के रक्कड़ कालोनी से डा.जोशी के पुत्र वरुण जोशी कीव से निकलकर ओजोरोन सिटी पहुंच गए है,जहां से वह लवीव के लिए ट्रेन में बैठ गए है,जबकि ऊना शहर के वार्ड चार से संजीब की बेटी सुनीधि खारकीव से लवीव के लिए ट्रेन से निकल पाने में सफल हो गई है। ऊना से ही दीपक का बेटा भी रोमानिया के शैल्टर होम में सुरक्षित पहुंच गया है।
खाने-पीने का सामान खत्म
यूक्रेन में फंसे ऊना के छात्र-छात्राओं के अभिभावक संघ के कन्वीनर नवदीप कश्यप ने बताया कि खारकीव में कुछ छात्र फंसे है। उनके पास खाने-पीने के सामान की किल्लत है। ऊना जिला से संबधित छात्र-छात्राओं की सुरक्षित वापसी के लिए वह लगातार प्रशासन व केंद्र सरकार के संपर्क में है,वहीं सभी अभिभावक अपने बच्चों के साथ टच में रहकर उनके मनोबल को भी बढ़ा रहे है।
आपरेशन गंगा को बढ़ावा दे केंद्र सरकार
घुमारवीं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाए जाने की जोरदार ढंग से वकालत की है। मंगलवार को यहां जारी बयान में धर्माणी ने कहा कि आज लगभग 18000 भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं और इन 18000 में ज्यादातर भारतीय छात्र हैं जो पढ़ाई करने के उद्देश्य से वहां गए थे। उन्होंने कहा कि भारतीयों को लाने के लिए केंद्र सरकार ने हालांकि ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है, लेकिन जिस गति से फंसे हुए भारतीयों को लाया जा रहा है, वह गति बहुत धीमी है।