हिमाचल में 2004 के बाद सरकारी नौकरी करने वाले को पेंशन नहीं है लेकिन विधायक, एमपी और राज्य सभा सदस्यों को पूरी पेंशन मिलेगी इसको लेकर स्थानीय जनता ने रोष प्रकट किया है | उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस हो या कोई अन्य राजनैतिक दल सभी सुविधा की राजनीति करते है | अपने फायदे की हर बात चाहे वह भत्ते से संबंधित हो या वेतन से एक ध्वनि मत में बिना किसी विरोध के पास हो जाती है | लेकिन जहाँ बात कर्मचारियों के हितों की आती है तो उनकी मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है | उन्होंने कहा कि कर्मचारी पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन बहाली की बात कर रहे है लेकिन सरकार उनकी बिलकुल भी गौर नहीं कर रही है | अगर वह उनके हक में फैंसला नहीं देना चाहते तो किसी भी जन प्रतिनिधि को भी पेंशन नहीं मिलनी चाहिए |
रोष प्रकट करते हुए सोलन की जनता किशन ग्रोवर , जगमोहन मल्होत्रा , मनीष साहनी ने कहा कि जनता का प्रतिनिधि जिस ने शपथ ग्रहण कर महज एक दिन भी कार्य किया हो वह पेंशन का हकदार होता है जो बेहद गलत है | उन्होंने कहा जो युवा सरकार नौकरी पर लगता है वह अपने जीवन का कीमती समय देश के विकास के लिए लगाता है | लेकिन जब वह वृद्ध होता है तो उस से सरकार किनारा कर रही है | यह दोहरे मापदंड बिलकुल गलत है | उन्होंने कहा कि या तो जनप्रतिनिधियों जैसे विधायक , सांसद , राज्सभा सदस्य उनकी भी पेंशन बंद होनी चाहिए या फिर सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल होनी चाहिए | उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की बुढ़ापे का सहारा केवल पेंशन है लेकिन सरकार ने यह हक भी उन से छीन लिया है जो तर्कसंगत नहीं है |