3 मार्च 1839 को जन्में जमशेदजी टाटा को इंडियन इंडस्ट्री के पिता के रूप में जाना जाता है. उन्होंने 1870 के दशक में एक कपड़ा मिल के साथ अपनी उद्यमशीलता (Entrepreneurial) की यात्रा शुरू की. उनके विजन ने भारत में स्टील और पावर इंडस्ट्रीज़ को मोटिवेट किया. उन्होंने तकनीकी शिक्षा (Technical education) की नींव रखी और देश को औद्योगिक राष्ट्रों (Industrialised nations) की श्रेणी में शामिल करने अपना योगदान दिया.
जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) की एक पहचान ये भी है कि वो टाटा समूह के संस्थापक थे. वर्तमान में टाटा विश्व स्तर पर दस इंडस्ट्रीज़ में कुल 31 कंपनियां चला रहा है. भारत के पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने जमशेद जी को उद्योग जगत में ‘वन-मैन प्लानिंग कमीशन’ कहा था. वो महज़ 47 साल के थे जब उन्होंने 1886 में स्वदेशी मिल बनाकार इतिहास रच दिया था. एक तरह से देखें तो हम भारतवासियों को बड़ा बिजनेस करना जमशेदजी ने ही सिखाया था.
वो सिर्फ एक उद्यमी नहीं थे, जिन्होंने भारत को औद्योगिक देशों की लीग में अपनी जगह बनाने में मदद की. वह एक देशभक्त और मानवतावादी थे, जिनके आदर्शों और विजन ने एक असाधारण व्यापारिक समूह को आकार दिया.