जालोर. राजस्थान के जालोर जिले के जसवंतपुरा क्षेत्र के सुंधा माता तलहटी के पास गौरक्ष आदेश श्री बालाजी हनुमान मंदिर आश्रम के संत रविनाथ ने जमीन विवाद के चलते आत्महत्या कर ली. संत ने देर रात को आश्रम के आगे पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या की. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस की अलग-अलग टीम इलाके में तैनात कर दी गई.
वहीं घटना की जानकारी मिलने पर सैकड़ों की संख्या में लोग वहां पहुंच गए और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. पूरी घटना को लेकर पुलिस की स्पेशल टीम जांच पड़ताल कर रही है. संत द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है. संत की हुई आत्महत्या को लेकर कई प्रकार के अब बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.
संत के समर्थकों ने शव उठाने से किया इनकार कर दिया.मौके पर पहुंचे सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने कार्रवाई की मांग को लेकर शव उठाने से इनकार कर दिया. ऐसे में संत का शव खबर लिखने तक पेड़ पर ही लटक रहा था. पुलिस की टीमें पूरी घटनाक्रम को लेकर बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है. क्योंकि इस पूरी घटना में विधायक का नाम भी सामने आ रहा है. वहीं मौके पर पहुंचे हुए समर्थकों व स्थानीय प्रशासन के बीच हुई वार्ता भी पहले दौर भी विफल हो गई.
भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी पर लग रहे हैं हत्या के आरोप
गौरक्ष आदेश श्री बालाजी हनुमान मंदिर आश्रम के संत रविनाथ के आत्महत्या को लेकर भीनमाल के बीजेपी विधायक पूराराम चौधरी पर लोगों ने हत्या का आरोप लगाया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि आश्रम के आगे की जमीन भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी की है. इसके चलते विधायक पूराराम चौधरी संत को परेशान कर रहे थे. विधायक ने अपनी जमीन के चारों तरफ़ खाई खुदवाई थी.
ग्रामीणों का दावा है कि आश्रम जाने के लिए रास्ता व अन्य जमीनी विवाद को लेकर संत और विधायक के बीच में मामूली कहासुनी भी हुई थी. तो वहीं विधायक पूराराम चौधरी ने पूरी घटना को लेकर कहा कि इसमें मेरा कोई मतलब नहीं है. मैंने किसी भी तरीके से संत के साथ कोई बातचीत नहीं की. उल्टा आश्रम जाने के लिए मैंने मेरी जमीन से रास्ता दिया है.