टकराव के साए में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन, नाहन पहुंची ‘टिक्का साहब’ की रोजगार संघर्ष यात्रा

नाहन, 6 अगस्त: हिमाचल प्रदेश के जननायक के रूप में पहचान बनाने वाले दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे व युवा कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह की रोजगार संघर्ष यात्रा शनिवार सुबह करीब 11 बजे नाहन विधानसभा क्षेत्र में दाखिल हुई। इसके साथ दो गुटों में विभाजित पार्टी के बीच टकराव का साया भी पैदा हो गया था।यशवंत चैक पर भिड़ते कार्यकर्ता, मंच पर विक्रमादित्य सिंह के साथ सोलंकी व चौधरी

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रह चुके अजय सोलंकी व पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह के गुट से ताल्लुक रखने वाले इकबाल चौधरी के समर्थक रैली में जुटे हुए थे।

बोहलियों में विधायक विक्रमादित्य सिंह के इस्तकबाल के बाद गुटबाजी साफ नजर आ रही थी। सोलंकी व चौधरी साए की तरह विक्रमादित्य सिंह के दाएं व बाएं मौजूद रहे। अचानक ही  चौधरी  को भी मालाएं डाली जाने लगी तो सोलंकी समर्थकों ने भी उन्हें मालाएं पहनानी शुरू कर दी।

मिश्रवाला से बोहलियों तक समर्थकों ने बाइकों पर अपने अपने नेताओं के पोस्टर चस्पा किए हुए थे। नाहन शहर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समीप से विक्रमादित्य सिंह की पदयात्रा शुरू हुई। पदयात्रा शुरू हुए करीब 20-25 मिनट ही गुजरे थे कि ठीक डाॅ. वाईएस परमार की भव्य प्रतिमा के सामने सोलंकी व  चौधरी  के गुटों में नारेबाजी को लेकर झड़प हो गई।

भीड़ से एक युवक को चेहरा ढक कर बाहर निकाला गया। इसी दौरान पीछे से धक्का मुक्की के बीच पदयात्रा को आगे बढ़ाया गया। कांग्रेस नेताओं के चेहरों पर भी साफ तनाव झलक रहा था। बड़ा चैक में पदयात्रा पहुंची तो विक्रमादित्य सिंह का संबोधन भी लाजमी था।

रोचक बात ये थी कि सोलंकी के समर्थकों ने संबोधन के दौरान विक्रमादित्य सिंह का घेरा बनाया हुआ था। मंच पर इकबाल चौधरी  भी मौजूद थे। इसी बीच इकबाल चौधरी का एक पोस्टर बार-बार मंच पर लहराया जा रहा था।

गौरतलब है कि कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के सलानी रिजाॅर्ट में आयोजित जनसभा के दौरान पार्टी की गुटबाजी पहली बार सामने आई थी। शीर्ष नेता व विधायक समर्थकों सहित मंच की बजाए दरी पर बैठ गए थे।

पार्टी अध्यक्ष ने मंच से संबोधन का मौका किसी को नहीं दिया। ये बात तो यहीं निपट गई, लेकिन कुछ सप्ताह पहले कांग्रेस के बीच का तनाव पुलिस तक जा पहुंचा था। सोलंकी समर्थकों ने पार्टी के तत्कालीन जिलाध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह व पांवटा के पूर्व विधाक किरनेश जंग  चौधरी पर शिमला से लौटते वक्त रास्ते में मारपिटाई का आरोप जड़ा था।

करीब-करीब दो महीने से नाहन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की गुटबाजी मार पिटाई के अलावा पुलिस तक भी पहुंची है। चुनावी समय में कांग्रेस को ये महंगा साबित हो सकता है। नाहन विधानसभा क्षेत्र में विधायक विक्रमादित्य सिंह की रोजगार संघर्ष यात्रा टकराव के साए से गुजरी।

हालांकि भीड़ जुटी थी, लेकिन इसका श्रेय अलग-अलग तरीके से लेने की कोशिश की जा रही थी। गौरतलब है कि कांग्रेस में टकराव की स्थिति पहले से ही नजर आ रही थी, क्योंकि युवा नेता व कांग्रेस अल्प संख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष इकबाल चौधरी ने यात्रा को लेकर अलग होर्डिंग लगाई थी, जबकि सोलंकी के होर्डिंग्स अलग थे।

कुल मिलाकर शनिवार को कांग्रेस के लिए गनीमत ये रही कि कार्यकर्ताओं के बीच फाइट इतनी हद तक नहीं पहुंची कि मामला पुलिस या फिर अस्पताल तक पहुंचता।