एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी करना एक निजी अस्पताल के डाक्टर को महँगा पड़ गया जब उसे सोलन के बाय पास चौंक पर चैकिंग के लिए रोका गया | जानकारी के अनुसार जब चिकित्स्क की गाडी को रोका गया और उस से कर्फ्यू के समय में घूमने का कारण पुछा गया तो चिकित्स्क ने वहां हंगामा करना आरम्भ कर दिया | बताया जा रहा है कि चिकत्स्क उस समय नशे की हालत में था और वह लगातार पुलिस के साथ ऊँची आवाज़ में बहस कर रहा था | जब वह पूछने पर कर्फ्यू पास या किसी भी तरह के दस्तावेज दिखा नहीं पाया तो चिकित्स्क पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई गयी | गौर तलब है कि जब उससे विस्तार से पुछा गया कि वह कहाँ से आया है और कहाँ जाना है तो और भी खुलासे हुए जिसके चलते चिकित्स्क को 14 दिनों के लिए सरकारी केंद्र पर कवारंटीन कर दिया गया |
अधिक जानकारी देते हुआ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार ने बताया कि कार में जब चिकित्स्क को रोका गया तो वह कोई भी संतुष्टि भरा जवाब नहीं दे पाया और उसने अपने साथ हो रही पूछताछ का विरोध किया और हंगामा करने लगा | जब पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की तो जल्द ही उसे समझ में आ गया कि उसकी दाल गलने वाली नहीं है फिर चिकित्स्क ने बताया कि वह सोलन के निजी अस्पताल में कार्यरत है और वह नॉएडा से सोलन आए थे जिन्हें निजी अस्पताल में ही 14 दिनों के लिए कवारंटीन होना चाहिए था लेकिन वह सोलन में घूम रहे थे | जिसके चलते पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है |
2020-05-26