10 से 6 की नौकरी से लौटने के बाद आमतौर पर इंसान आराम करना चाहता है. उसका दिमाग बागवानी जैसे काम को करने के लिए तैयार नहीं होता. मगर, गार्डनिंग के प्रति राजकुमार का जूनून ही था कि उन्होंने अपने घर की छत को हरे-भरे बगीचे के रूप में बदल दिया और अब तरह-तरह की सब्जियां उगा रहे हैं. उन्होंने न सिर्फ़ खुद को इस काम के लिए नियमित कर रखा है, बल्कि बच्चों को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.
इंडिया टाइम्स हिन्दी ने राजकुमार रावत से खास बातचीत की और जानने की कोशिश कि उन्होंने यह सब कैसे किया और उनके लिए यहां तक का सफर कितना आसान रहा?
राजकुमार सिंह रावत मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से आते हैं. पिता जगमोहन सिंह रावत फौजी थे इसलिए उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने का मौका मिला. इस सफर में उन्होंने बचपन का एक लंबा वक्त पंजाब में बिताया और खेती-किसानी को नजदीक से देखा. जब भी उन्हें मौका मिलता वो पिता के साथ अपने गार्डनिंग के शौक को पूरा करते थे. लेकिन पहले पढ़ाई और फिर नौकरी के कारण वो इसे नियमित नहीं रख सके.
घर की छत पर ऑर्गेनिक गार्डनिंग (Organic Rooftop Gardening)
पर कहते हैं न कि हर इंसान को कभी न कभी अपने शौक पूरे करने का मौका मिलता है. राजकुमार के जीवन में भी ये वक्त आया. कोरोना लॉकडाउन के कारण जब पूरा देश थम गया और दफ्तर बंद हुए तो राजकुमार ने इसका सदुपयोग किया और घर की छत पर ही गार्डनिंग शुरू कर दी. वर्तमान में राजकुमार गुड़गांव में एक MNC में काम करते हैं और दिल्ली के संगम विहार में अपनी घर की छत पर गार्डनिंग का अपना शौक पूरा कर रहे हैं.
राजकुमार बताते हैं कि उनके गार्डनिंग करने के तरीके में दो चीज़ें एकदम ख़ास हैं. पहला यह कि वो रसायन का बिल्कुल प्रयोग नहीं करते. दूसरा यह कि वो पौधों लगाने के लिए घर की कई बेकार हो चुकी चीज़ों का इस्तेमाल करने से नहीं चूकते. उन्होंने अपने परिवार के सहयोग से पूरे घर को ग्रीन हाउस में बदल दिया है. परिणाम स्वरूप उनके घर में बहुत सी चिड़यां आती हैं और घोसला बनाती हैं. इसके अलावा वो कई तरह की सीज़नल सब्जियां भी उगाते हैं.
अब बाजार से नहीं खरीदनी पड़ती सीजनल सब्जी
राजकुमार के घर की छत पर भिंडी, टमाटर, पालक, पुदीना, लहसुन, तोरी और लोकी इत्यादि के पौधे मौजूद हैं. अपनी छत पर वो इतनी सब्जी उगा लेते हैं कि उन्हें सीजनल सब्जियां बाजार से नहीं खरीदनी पड़ती.
निश्चित रूप से नौकरी के साथ-साथ उनके लिए घर की छत पर ऑर्गेनिक रूफटॉप गार्डनिंग करना आसान नहीं है. किन्तु राजकुमार ने अब इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है. वो इसके लिए सुबह जल्दी उठते हैं या फिर ऑफिस से लौटकर पौधों के साथ समय बिताते हैं. राजकुमार घर के बच्चों को भी अपने साथ गार्डनिंग में लगाते हैं ताकि वो मोबाइल इत्यादि की जगह पेड़-पौधों के साथ गुजारें और हेल्दी रहें.
ऑर्गेनिक रूफटॉप गार्डनिंग करना कितना मुश्किल
इस सवाल के जवाब में राजकुमार कहते हैं, ”ऑर्गेनिक रूफटॉप गार्डनिंग करना बहुत मुश्किल नहीं है. कोई भी इंसान इसे अपने घर पर आराम से कर सकता है. बस इसके लिए इंसान को कम से कम पौधों से शुरूआत करनी चाहिए और नियमित रूप से उनकी देखभाल करना चाहिए. खासकर यदि कोई सीजनल सब्जियां उगाना चाहता है तो उसे समय का खास ख्याल रखना चाहिए. दरअसल, अगर हम समय से सब्जी के बीज डालते हैं तभी पौधा समय से तैयार होता है और फल देता है. एक बात और गार्डनिंग हमें तनाव से दूर रखने में भी मददगार है.”