लांचबॉक्स जैसी शानदार फिल्म के लिए पहचानी जाने वाली अभिनेत्री निम्रत कौर एक बार फिर अपने पिता को याद करते हुए भावुक हो गईं. अपने पिता की 29वीं पुण्यतिथि पर उन्होंने एक इमोशनल नोट लिखा.
अभिनेत्री Nimrat Kaur, शेयर किया Emotional Note
“आज से 29 साल पहले हमारा अपूरणीय नुकसान हुआ. मेरे दिवंगत पिता एक अदम्य इंसान थे. उनसे जुड़ा हर इंसान आज भी उन्हें याद करता है. फिर चाहे किसी का उनसे खून से रिश्ता रहा हो, वर्दी से रहा हो, या फिर दोस्ती से रहा हो.” निम्रत अपने पिता को याद करते हुए अपने नोट के अंत में लिखती हैं, ”आप हमेशा हमारे दिलों में रहना, और हमेशा के लिए हमारी मार्गदर्शक जीवन शक्ति बनना”.
निम्रत कौर के पिता मेजर भूपेनर सिंह कौन थे?
निम्रत कौर के पिता मेजर भूपेनर सिंह भारतीय सेना का हिस्सा रहे. उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक गर्व, और बहादुरी के साथ देश की सेवा की. 1994 में उनका निधन हो गया था. सिंह ने राष्ट्र के लिए जो योगदान दिया था, उसके सम्मान में अक्टूबर 2022 में पटियाला में उनकी एक कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया था. प्रतिमा को उनकी मूल रेजिमेंट, 64 असॉल्ट इंजीनियर रेजिमेंट के हेरिटेज हॉल में रखा गया था.
अंतिम सांस तक बहादुरी के साथ देश की सेवा की
निम्रत उस समारोह में शामिल होने के लिए पटियाला पहुंची थीं जहां उनके दिवंगत पिता की प्रतिमा का अनावरण किया गया था. इस मौके पर अपनी भावनाओं को साझा करते हुए, निम्रत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “उनकी स्मृति का सम्मान करने, और भारतीय सेना द्वारा इस शानदार नेक, और अविश्वसनीय समारोह में भाग लेने के लिए यहां होना हम सभी के लिए वास्तव में एक विशेष क्षण है”.
पटियाला में दिवंगत पिता की प्रतिमा का अनावरण
निम्रत ने आगे कहा था, ”पटियाला मेरे दिल के बहुत करीब है. क्योंकि मैं पटियाला में अपने माता-पिता के साथ दो अलग-अलग कार्यकालों में रहीं, जब मेरे पिता की वहां पोस्टिंग थी. उस वक्त मेरी उम्र बहुत कम थी. दुर्भाग्य से हमने उन्हें कश्मीर में खो दिया था. पटियाला के एक स्कूल में मैंने अपनी 5वीं, 6वीं और 7वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की थी. आज मैं जहां हूं, उसमें पटियाला का महत्वपूर्ण योगदान है.”
पिता को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया
गौरतलब हो कि निम्रत के पिता, मेजर भूपेंद्र सिंह, उन बहादुर सैनिकों में से थे, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.