नई दिल्ली. त्रिपुरा में अनानास अब किसानों की किस्मत बदल रहे हैं. त्रिपुरा के अनानास की मिठास के कई देश कायल हैं. यही कारण है अब इनका निर्यात लगातार बढ़ रहा है. गुरुवार को ही त्रिपुरा ने करीब 14 करोड़ मूल्य के 9,909 टन अनानास की एक खेप दुबई, कतर और बांग्लादेश भेजी है. अनानास के अलावा त्रिपुरा कई दूसरे फल भी जर्मनी और इंग्लैंड सहित कई देशों को निर्यात कर रहा है.
त्रिपुरा के किसान कल्याण मंत्री प्रंजीत सिंह राय ने बताया कि राज्य से हॉर्टिकल्चर प्रोडक्ट्स का निर्यात लगातार बढ़ रहा है. त्रिपुरा में सालाना 1.28 लाख टन अनानास का उत्पादन होता है. प्रदेश में करीब 8,800 हेक्टेयर में अनानास की खेती की जा रही है. इनमें से ज्यातार क्षेत्र में केव और क्विन नामक वैरायटी की खेती की जा रही है. ये दोनों ही वैरायटी उच्च क्वालिटी की है. खासकर क्विन की विदेशों में बहुत मांग है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में अगरतला में हुए एक समारोह में क्वीन वैरायटी को राज्य फल घोषित किया था.
किसान रेल से हुआ फायदा
किसान मंत्री राय का कहना है कि त्रिपुरा के किसानों को किसान रेल और किसान उड़ान जैसी योजनाओं का बहुत फायदा हुआ है. इनसे त्रिपुरा के किसानों को अपने उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने में बहुत सहायता मिली है. भारतीय रेलवे 2020 से किसान रेल चला रही है. यह दूर-दराज के किसानों के उत्पाद को लेकर उन्हें बाजार मुहैया कराती है, जिससे किसानों को अच्छी आमदनी होती है. त्रिपुरा से दिल्ली और कोलकाता के लिए किसान रेल का संचालन किया जा रहा है.
त्रिपुरा है सबसे बड़ा अनानास उत्पादक
त्रिपुरा भारत का सबसे बड़ा अनानास उत्पादक राज्य है. लेकिन, किसानों को बिक्री में काफी दिक्कत होती है. स्थानीय स्तर पर पूरा माल बिक नहीं पाता. इससे किसानों को नुकसान होता है. इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार अनानास के निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है. त्रिपुरा दुनिया की सबसे उच्चतम किस्म का क्वीन अनानास का उत्पादन करता है. जिसकी बाहर काफी मांग हैं. त्रिपुरा ने अब ऑर्गेनिक अनानास का उत्पादन भी शुरू कर दिया है. इसका निर्यात जर्मनी को किया जा रहा है.