देश की पहली आटोमेटिक ब्रिक मेकिंग मशीन जो महज 1 घण्टे में 12 हज़ार ईंटे तैयार करती है, चिमनी-फैक्टरी की जरूरत नही

भवन निर्माण के लिए ईंटों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। ईंटे बहुत कठोर होती है इसलिए इसे भवन के निर्माण में सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। ईंटें इमारतों को संरचनात्मक ताकत प्रदान करती हैं। चिमनी से बनी ईंटो के अलावा आजकल बाजार में सीमेंट से बनी ईंटो का भी प्रयोग हो रहा है जो मशीन या फैक्टरी में बनाया जाता है। आज हम आपको आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी मशीन के बारे में जो आटोमेटिक तरीके से महज 1 घण्टे में 12 हज़ार ईंटे बना सकती है (Automatic bricks making machine)

आज के वर्तमान युग में ईंट की खपत इतनी है कि ईंट के भट्टों से इसकी कमी पूरी नही हो पाती है।भट्टों में ईंट बनाने में बहुत समय लगता है और इसके लिए कई मजदूरों की भी आवश्यकता होती है। एक लंबे प्रक्रिया के बाद ही भट्टों में ईंट तैयार हो पाता है। अब इन्ही परेशनियों को दूर करने के लिए एसएनपीसी (SNPC) नामक एक स्टार्टअप कंपनी के मालिक ने ईंट बनाने वाली एक ऑटोमेटिक मशीन का निर्माण किया है। आइये जानते हैं इस मशीन के बारे में।

सतीश चिकारा का परिचय (Satish Chhikara, Automatic bricks making machine )

सतीश चिकारा हरियाणा के बवाना के निवासी हैं। उनके द्वारा एक ऐसी मशीन को बनाया गया है जो बड़े आसानी से कम समय लेते हुए मात्र 1 घंटे में 12 हजार ईंट तैयार करेगी। यह मशीन पूरी तरह ऑटोमेटिक है मतलब की यह स्वतः काम करेगी और इससे ईंट तैयार होगा। आपको इस मशीन को देखकर लगेगा कि यह पूरी तरह स्वदेशी है लेकिन यकिन मानिए ये मेड इन इंडिया है। सतीश चिकारा ने इस मशीन का अविष्कार करके देश को गौरवान्वित किया है।

Automatic bricks making machine invented by satish chhikara

मशीन बनाने की योजना (Automatic Brick Making Machine)

सतीश चिकारा को मशीन बनाने की योजना तब आई जब साल 2007 में पार्टनरशिप में उन्होंने ईंट के भट्ठे का काम शुरू किया था, लेकिन ज्यादा समय में कम ईंट बनने और बारिश में ईंट खराब हो जाने की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा था। तब उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ऐसी मशीन बनाई जाए जिससे कम समय में ज्यादा से ज्यादा ईंट बनाई जाएं। उन्होंने इसी योजना के साथ काम करना शुरू किया और अपने भाई के साथ मिलकर उन्होंने ऑटोमेटिक ईंट मेकिंग मशीन का अविष्कार कर डाला।