सोलन में निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें चलाने के मूड में नज़र नहीं आ रहा है | शूलिनी प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष रघुविंद्र मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी बसें काफी समय से खड़ी है जिसके चलते अब सभी की माली हालत खराब होती जा रही है | बैंकों के लोन चुकाने मुश्किल हो चुके है | चालक परिचालकों को घर चलाना चुनौती पूर्ण हो चुका है लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगों की और कोई ध्यान नहीं दे रही है | उन्होंने कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वह बसों को चलाने में असमर्थ है | सरकारी बसों से ज़्यादा हिमाचल में निजी बसें चलती है और एक माह में करोड़ों रूपये का राजस्व निजी बसें सरकार को देती है लेकिन उसके बावजूद भी उनकी मांगो पर प्रदेश सरकार कोई गौर नहीं कर रही है |
शूलिनी प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष रघुविंद्र मेहता ने जानकारी देते हुए कहा कि डीज़ल के रेट आसमान छु रहे है और प्रदेश सरकार कह रही है कि पुरानी दरों पर निजी बसें चलाई जाएं लेकिन निजी बस संचालकों के लिए यह मुमकिन नहीं है | उन्होंने कहा कि जब पड़ोसी राज्यों की सरकारों ने किराए में बढ़ोतरी कर दी है तो हिमाचल सरकार को भी किराए में बढ़ोतरी करनी चाहिए | उन्होंने कहा कि उनकी बसें चार महीनों से खड़ी है | आय के स्त्रोत बंद हो चुके है लेकिन प्रदेश सरकार उनके प्रति अभी भी उदासहीन रवैया अपनाए हुए है | उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार के आदेशों पर निजी बस संचालकों द्वारा ट्रायल के तौर पर कुछ बसें चलाई थी लेकिन वह भी घाटे के कारण बंद करनी पड़ी है | उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब 100 प्रतिशत कैपेस्टी पर बसों को चलाने की अनुमति दे दी है साथ में एक शर्त लगाई है कि बस में सोशल डिस्टेंसिंग भी रखी जाए | इस लिए उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि 100 प्रतिशत पर कैसे सोशल डिस्टेंसिंग हो सकती है | इस लिए प्रदेश सरकार को अपने आदेशों पर पुनर्विचार करना चाहिए और निजी बस संचालकों की मांगों को ध्यान में रख कर कोई निर्णय लेना चाहिए |
2020-07-03