Order regarding local holiday

न टूटने दी जाए माता शूलिनी की परम्परा :सोलन वासी 

सोलन का तीन दिवसीय राज्य स्तरीय  शूलिनी मेला माता शूलिनी  की शोभा यात्रा से आरम्भ होता है और  तीन दिनों तक चलता है माता पहले दिन अपने मंदिर से सोलन शहर की परिक्रमा करते हुए अपनी बहन को मिलने गंज बाज़ार स्थित शूलिनी पीठम मंदिर में आती है और तीसरे दिन रात को माता अपने घर शूलिनी मंदिर आ जाती है | लेकिन कोरोना कर्फ्यू के चलते  शूलिनी मेला नहीं हो पा रहा है जिसके चलते सोलन वासी इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं प्रशासन माथा की शोभा यात्रा पर रोक न लगा दे इस लिए उन्होंने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन को निवेदन किया है कि वह माता की शोभा यात्रा पर रोक न लगाए और माता को अपनी बहन से हर सूरत  में मिलने दें | 
व्यपारियों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि माता शूलिनी अपनी बहन से मिलने के लिए प्रत्येक वर्ष अपने मंदिर से गंज बाज़ार मंदिर आती है यह परम्परा कई दशकों से चली आ रही है | इस परम्परा को मत टूटने दें इसके लिए जिला प्रशासन जो आदेश सोलन के व्यापारियों को देगा वह उसे सहज स्वीकार करेंगे | उन्होंने कहा कि एक बार यह परम्परा टूटी थी तो सोलन वासियों को उनके क्रोध का सामना करना पड़ा था और शहर में दैवीय प्रकोप भी देखने को मिला था | इस लिए वह चाहते है कि माता शूलिनी का अपनी बहन से मिलन किसी भी सूरत में न रोका जाएं | व्यपारियों ने कहा कि वह मानते है कि माता शूलिनी के आशीर्वाद से अभी तक कोरोना संकट शहर से दूर रहा है और किसी भी तरह की आपदा विपदा शहर को छु नहीं पाई है | इस लिए इस परम्परा को न टूटने दिया जाए | बाईट व्यापारी 

यह परम्परा न टूटे और सोलन कोरोना संक्रमणा से भी सुरक्षित रहे इसको लेकर जिला प्रशासन ने मंथन आरम्भ कर दिया है और सभी अधिकारियों से इस पर विचार विमर्श किया जा रहा है जिसे देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन भी चाहता है कि दैवीय परम्परा नहीं टूटनी चाहिए | सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन इसको लेकर योजना बना रहा है कि किस तरह शूलिनी माता को उनकी बहन से मिलाया जा सकता है ताकि केंद्र सरकार द्वारा जारी नियमों की अवहलेना भी न हो और न ही परम्परा टूटे | —