पांवटा साहिब, 30 जुलाई : उपमंडल में कुछ माह पहले सरकारी सीमेंट व ईंटों के घपले के मामले में दायर आरटीआई पर प्रशासन ने एक्शन लिया। जांच में बद्री पुर पंचायत में सरकारी सीमेंट व ईंटों के भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व पंचायत प्रधान रामलाल शर्मा के खिलाफ आरोपों को सही पाया गया।
साथ ही भवन निर्माण सामग्री को लेकर हुए घपले की बकाया 1 लाख 19 हजार की राशि को पूर्व प्रधान द्वारा सरकारी खजाने में जमा करवा दिया गया है। इसी बीच पंचायत में प्रधान पद के उपचुनाव के लिए पूर्व प्रधान को गैर आपत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पर सवाल उठाये जा रहे है।
गौरतलब है कि पंचायत प्रधान जसवीर सिंह के निधन के बाद पद रिक्त घोषित हुआ था,10 अगस्त को मतदान होना है। पूर्व प्रधान राम लाल शर्मा भी इस बार बीजेपी के समर्थन से चुनाव मैदान में उतरे है। कुछ माह पहले परविंदर सिंह ढिल्लो ने पंचायत में निर्माण सामग्री के घोटाले को उजागर किया था। इस बारे आरटीआई में जानकारी जुटाई थी, जिसमें घोटाले की तस्दीक हो गई। एक प्रेस विज्ञप्ति में शिकायतकर्ता परविंदर ने कहा कि पूर्व प्रधान द्वारा खुद पैसा सरकारी खजाने में जमा करवाना आरोपों को साबित करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व पंचायत प्रधान ने जमकर भ्रष्टाचार किया। 5 साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार को चरम सीमा तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन मेन रोड गली, वार्ड नंबर 2 में 41 सीमेंट बैग व भवन खुंबी वाला में 45 सीमेंट बैग, सामाजिक रसोई घर में सीमेंट के 135 बैग का गोलमाल किया गया। इसके अलावा तारूवाला में 24 बैग व खुंबी वाला भवन निर्माण में 4923 ईंटों घोटाला किया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि विभाग द्वारा रामलाल शर्मा को अगला चुनाव लड़ने के लिए एनओसी जारी की गई है। बड़ा सवाल यह है कि क्या रामलाल शर्मा द्वारा यह सीमेंट के बैग व ईंटों कहां बेची गई है।उन्होंने कहा कि रामलाल शर्मा फिर से चुनाव में उतर रहे हैं। फैसला बद्री पुर की जनता को करना है, मतदाताओं को ये तय करना है कि फिर से भ्रष्टाचारी को पंचायत की कमान सौंपनी है या नहीं। उन्होंने कहा कि जल्द ही कुछ और घोटालों का भी पर्दाफाश किया जायेगा।