प्रदेश में चल रही यारों की सरकार भाजपा पर पड़ रही भारी

अमिताभ बच्चन का  गाना यह दोस्ती नहीं छोड़ेंगे आपने  अवश्य सुना होगा। यह गाना हिमाचल के सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर बिलकुल स्टीक बैठता है।  ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि पिछले कल आपने देखा होगा सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपनी पुरानी ऑल्टो कार पर सवार हो कर विधानसभा पहुंचे।  मुख्यमंत्री की माने तो  इस ऑल्टो कार ने संघर्ष के समय में उनका साथ नहीं छोड़ा था तो आज वह आज प्रदेश का मुखिया बनने पर उसका साथ कैसे छोड़ सकते थे। वह पुराने अंदाज़ में नए जोश और आत्मविश्वास के साथ नज़र  कार से उतरे  सभी को चकित कर दिया । अगर एक निर्जीव कार के साथ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इतना लगाव हो सकता है तो जिन दोस्तों और समर्थकों ने उनका संघर्ष के समय में साथ दिया वह उन्हें कैसे भूल सकते है। यही वजह है कि उन्होंने सत्ता में आते ही अपने दोस्तों और समर्थकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी।
आज कांग्रेस युवा नेता मुकेश शर्मा  जिन्होंने ने  प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ कई आंदोलन किए।  यहाँ तक कि मुख्यमंत्री के साथ आंदोलन के तहत   बूट पोलिश  तक  किए।। संघर्ष के समय में मुकेश शर्मा ने अपने चेहते नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू का साथ दिया।  सुखविंद्र सिंह सुक्खू  जब जब पावर में आए उन्होंने अपने साथियों का साथ नहीं छोड़ा।  मुकेश शर्मा जिला सोलन में उनकी पहली पसंद बने। यही वजह है कि उन्होंने मुकेश शर्मा को जिला नहीं बल्कि राज्य स्तर की बेहद जिम्मेदारियां दी।  कांग्रेस डाटा एनॉलेक्टिक सैल में प्रदेश की जिम्मेएदारियों से उन्हें नवाज़ा। अब सुखविंद्र सिंह सुक्खू  प्रदेश के मुख्यमंत्री है तो उन्होंने जिला में सबसे पहले  मुकेश शर्मा को जोगिन्द्रा बैंक का चेयरमैन बना कर साबित कर दिया कि वह अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को हमेशा याद रखते है  .20 वर्ष पुरानी ऑल्टो कार हो या यार उसे नहीं भूलते।
गौर तलब है कि एडवोकेट मुकेश शर्मा मुख्यमंत्री के करीबियों में से तो एक है    साथ में वह  स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल  और  सीपीएस संजय अवस्थी के भी खासमखास है। यही वजह है कि मुकेश शर्मा छोटी सी उम्र में ही एक दमदार नेता के तौर पर सोलन में उभरे है।