शिमला,01 अगस्त : हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में शिमला शहर से सटी पंचायतों चमियाणा और मल्याणा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग ई. अजय गुप्ता और प्रमुख अभियंता (प्रोजेक्ट) अर्चना ठाकुर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और समस्या के तुरंत समाधान की मांग उठाई।
प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता और प्रमुख अभियंता (प्रोजेक्ट) अर्चना ठाकुर ने समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। मुलाकात के बाद मुख्य अभियंता (राष्ट्रीय राजमार्ग) ई. पवन शर्मा ने एसडीओ के साथ उस जगह का दौरा किया जहां बरसात से सड़क और पानी के स्रोत खराब हुए हैं। डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि हाल की बरसातों में नगर निगम क्षेत्र से निकलने वाले नालों से भारी मात्रा में मलबा और कचरा बह कर ग्राम पंचायत चमियाणा क्षेत्र में आ गया था जिसके कारण गांव के खेत, पेयजल स्रोत, सिंचाई के लिए आने वाले पानी को भारी नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाले में एक तरफ ढिंगू बावड़ी वाले नाले का पानी तो दूसरी तरफ भट्ठाकुफर से सड़क का पानी आकर हिलग्रोव के नाले में मिलता है। आगे जाकर शुराला- कटेयाँ रोड पर निर्माणाधीन पुलिया के साथ अवरुद्ध हो जाता है। जब वहां से पानी पूरे आवेग के साथ छूटता है तो आगे जाकर बहुत नुकसान करता है। डॉ. तंवर ने कहा कि हमारा क्षेत्र सब्जी पैदा करने वाला क्षेत्र है। इस समय सीजन पीक पर है लेकिन लोग सड़क खराब होने के कारण अपनी सब्जियां पीठ पर ढोकर लाने के लिए मजबूर हैं। वहीं सब्जी के लिए सिंचाई की जरूरत होती है परंतु फोरलेन के कारण कूहल पहले ही खराब हो चुकी है।
ग्रामीणों ने अपना पैसा लगाकर जो पानी की पाइपें बिछाई थी वे भी मलबे में दब गई। पानी का स्रोत भी खराब हो गया है। उन्होंने बताया कि यह समस्या केवल इस बार की नहीं बल्कि हर साल इसी तरह से मिट्टी और कचरा बह कर ग्रामीण क्षेत्र को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि ढलीदृशोघी बाईपास से काटेयां जाने वाले रास्ते में जिसमें दो पंचायतें चमियाणा और मल्याणा के गांव आते हैं। उसमें पुली लगाने का काम बहुत ही धीमी रफ्तार से चल रहा है। इसके कारण भी आए दिन रास्ता अवरुद्ध होता रहता है। सब्जी की गाड़ियां निकालने में परेशानी होती है।
डॉ. तंवर ने कहा कि इसमें कई विभाग शामिल हैं। जहां ढली-शोघी बाईपास से ऊपर का क्षेत्र नगर निगम में आता है। वहीं बाईपास की देखरेख का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास है। इससे नीचे का क्षेत्र पंचायत में है व उसके नीचे फोरलेन का काम चल रहा है। लेकिन आपसी समन्वय की कमी के कारण सभी एक-दूसरे पर बात टाल रहे हैं व समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा। जिससे ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं।