Rabri Devi In Patna: दिल्ली की एक अदालत ने जमीन के बदले नौकरी के कथित घोटाले से जुड़े एक मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, उनकी पत्नीराबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और अन्य को बुधवार को जमानत दे दी। जमानत मिलने के बाद देर शाम राबड़ी देवी पटना लौट आईं।
क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं। इसमें नौकरी के बदले में उम्मीदवारों द्वारा सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के जरिए राजद प्रमुख एवं तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को बाजार दरों से काफी कम कीमत पर जमीन बेचने का भी आरोप लगाया गया है। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने 27 फरवरी को प्रसाद की बेटी मीसा भारती समेत सभी आरोपियों को समन जारी किया था और उन्हें 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपपत्र और रिकॉर्ड में उपलब्ध दस्तावेजों तथा सामग्री का अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया यह दिखता है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, धारा 420, 467, 468 और 471 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध किया गया। परिणामस्वरूप, इन अपराधों पर संज्ञान लिया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपपत्र बिना किसी गिरफ्तारी के दाखिल किया, केवल इस एक व्यक्ति के मामले में जो अभी जमानत पर हैं। सीबीआई ने जुलाई 2022 में भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो कथित घोटाले के समय तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू प्रसाद के ओएसडी (विशेष अधिकारी) थे। सीबीआई ने 16 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के अपराधों में पिछले साल 10 अक्टूबर को आरोपपत्र दायर किया गया था।
आरोपपत्र में एजेंसी ने प्रसाद की मध्य रेलवे की पूर्व महाप्रबंधक सौम्या राघवन, रेलवे के पूर्व सीपीओ कमल दीप मैनराय, ‘सब्सिट्यूट’ के तौर पर नियुक्त सात उम्मीदवारों और चार अन्य लोगों को नामजद किया है। आरोपपत्र के अनुसार, लालू प्रसाद और अन्य के खिलाफ प्रारंभिक जांच में सामने आई बातों के आधार पर मामला दर्ज किया गया।