बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: महाराष्ट्र में दिसंबर के आखिरी तक भूमि अधिग्रहण पूरा होने की संभावना, शिंदे सरकार ने दिखाई तेजी

मुंबई: अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाई स्पीड रेल परियोजना का काम फिर तेजी आएगी. महाराष्ट्र में नई सरकार के आश्वासन के बाद अब केंद्र ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल परियोजना के लिए लंबित जमीन का अधिग्रहण इस साल दिसंबर के आखिरी तक पूरा हो जाएगा.

महाराष्ट्र में नई सरकार आने के बाद मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट में तेजी आने की उम्मीद है. (Symbolic Image)

इससे पहले News18 ने 2 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नई सरकार ने इस परियोजना को फिर से पटरी पर लाने और इससे जुड़ी सभी फैसलों को मंजूरी देने की बात कही थी. दरअसल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने इस परियोजना में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी. परियोजना के लिए महाराष्ट्र में लगभग 132 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है और राज्य में कोई काम शुरू नहीं हुआ है, हालांकि गुजरात में इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है.

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए कहा कि, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा और उच्च स्तर पर नियमित रूप से इसकी निगरानी की जा रही है. इस प्रोजेक्ट के लिए 1396 हेक्टेयर जमीन में से करीब 90 फीसदी यानी 1264 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. सिर्फ 10 फीसदी जमीन का अधिग्रहण होना बाकी है जो कि दिसंबर के आखिरी तक पूरा होने की उम्मीद है.

गुजरात में तेजी से हुआ प्रोजेक्ट पर काम

रेलमंत्री ने यह भी कहा, इस परियोजना की अनुमानित लागत में वृद्धि और समयसीमा का पता भूमि अधिग्रहण के पूरा होने और सभी अनुबंधों को अंतिम रूप देने व संबंधित समयसीमा के बाद ही पता लगाया जा सकता है. गुजरात और दादरा और नगर हवेली में स्थित परियोजना की 352 किलोमीटर लंबाई वाले ट्रैक का कार्य दिसंबर 2020 से विभिन्न चरणों में शुरू हो गया है और गुजरात में 75 किलोमीटर तक का काम पूरा हो गया है.

उन्होंने कहा कि रेलवे और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड परियोजना को जल्द पूरा करने के लिए लंबित मुद्दों में तेजी लाने के लिए राज्य सरकारों के साथ नियमित रूप से काम कर रहे हैं. अब तक फाइनल लोकेशन सर्वे और भू-तकनीकी जांच पूरी हो चुकी है. गुजरात राज्य में वन्यजीव, तटीय विनियमन क्षेत्र और वन मंजूरी से संबंधित वैधानिक मंजूरी मिल गई है.