jwahar park

बेहद सुंदर होता था मेरे बचपन का जवाहर पार्क

सोलन  का जवाहर  पार्क जो पहले अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता था | यहाँ स्थापित  टॉय ट्रेन  पहले यहाँ की शान होती थी | बच्चे यहाँ दूर दूर से खेलने आते थे | लेकिन आज यहाँ स्थापित  झूले हो या बैठने का स्थान सभी टूटे पड़े है | जिसकी वजह से यहाँ आने वाले लोगों को बहुत ही ज़्यादा मायूसी हाथ लगती है | ज़्यादा तर वो लोग पार्क की हालत को देख कर दुखी होते है जिनका बचपन इस पार्क में गुजरा है क्योंकि उस समय जो सुख सुविधाएं और रख रखाव इस पार्क में था वह अब नज़र नहीं आता है लोगों के लिए बैठने का उचित स्थान नहीं है | पार्क अय्याशी का अड्डा बन चुका है | जिस पर कई बार जिला प्रशासन को शिकायत की जा चुकी है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है | 
                              रोष प्रकट करते हुए सोलन के स्थानीय निवासी अंकुश सूद ने कहा कि वह करीबन पन्द्राह वर्ष वह इस पार्क में आए है | लेकिन यहाँ आ कर उनका मन बेहद दुखी हुआ है | उन्होंने कहा कि पहले जो फव्वारे पार्क में चलते थे वह गायब है | अधिकाँश झूले टूटे पड़े है | पहले पार्क में मिनी ज़ू देखने को मिलता था | वह भी अब आस्तित्व में नहीं है | बैठने के लिए कोई स्थान नहीं है | उन्होंने कहा कि पार्क में चारों तरफ बड़ी बड़ी घास दिखाई दे रही है | जिसे देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पार्क का रख रखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है | उन्होने नगर परिषद से मांग की है कि  पार्क का पहले की तरह रख रखाव किया जाना चाहिए |