भारतीय रेलवे ने इस स्टेशन पर शुरू किया देश का पहला ‘ट्रांस टी स्टॉल’, अब ट्रांसजेंडर बेचेंगे चाय

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ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्‍त बनाने और मुख्‍य धारा में लाने के ल‍िए भारतीय रेलवे की ओर से लगातार प्रयास क‍िए जा रहे हैं. भारतीय रेलवे के पूर्वोत्‍तर सीमांत रेलवे (Northeast Frontier Railway) की ओर से इस संबंध में एक और बड़ा कदम उठाया गया है. हमने रेलवे स्टेशनों पर ज्यादातर पुरुषों के स्टाल देखे हैं. ट्रेनों में भी पुरुष ही सामान बेचने आते हैं लेकिन अब गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर आपको ट्रांसजेंडर चाय बेचते दिखेंगे.

गुवाहाटी में खुला अपनी तरह का पहला टी स्टॉल

शुक्रवार को एनएफआर के गुवाहाटी रेलवे स्‍टेशन पर ट्रांसजेंडर समुदाय का विशेष टी स्टॉल खोला गया है. ट्रांसजेंडर समुदाय को मजबूत बनाने और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए रेलवे ने देश का पहला ‘ट्रांस टी स्टॉल’ खोला है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की इस क्षेत्र के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी इस तरह के ट्रांस टी स्टॉल की शुरुआत करने की योजना है.

ट्रांसजेंडर चलाएंगे इसे

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार ‘ट्रांस टी स्टॉल’, एनएफआर की एक पहल है, जो देश के किसी भी रेलवे स्टेशन में खोला जाने वाला अपनी तरह का पहला टी स्टॉल है. इसको ऑल असम ट्रांसजेंडर एसोसिएशन के सक्रिय सहयोग से खोला गया है. गुवाहाटी में कामरूप (एम) उपायुक्त कार्यालय परिसर में ट्रांस टी स्टॉल नामक चाय स्टाल का शुभारंभ किया गया.

एनएफआर के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने कहा क‍ि जोनल रेलवे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने शुक्रवार को असम के ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के एसोसिएट वाइस चेयरमैन स्वाति बिधान बरुआ की उपस्थिति में गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर “ट्रांस टी स्टॉल “का उद्घाटन किया.

अन्य स्टेशनों पर भी होगी ऐसी पहल

यह पहल ट्रांसजेंडरों के लिए आजीविका और उद्यम के लिए सीमांत व्यक्तियों के लिए समर्थन नामक केंद्र की व्यापक योजना का हिस्सा है जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास के लिए एक उप-योजना शामिल है. रेलवे का कहना है क‍ि इस तरह की ट्रांस टी स्‍टॉल और भी स्‍टेशनों पर खोली जाएंगी ज‍िससे इस समुदाय के उत्‍थान में मदद म‍िलेगी.

उद्घाटन समारोह के दौरान अंशुल गुप्ता ने कहा कि यह पहल एनएफआर के साथ-साथ भारतीय रेलवे में भी अपनी तरह की पहली पहल है. उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के किसी भी संगठन में यह इस तरह की पहली पहल है और एनएफआर भविष्य में इस तरह की और पहल करेगा.”