नई दिल्ली. भारतीय रेल अब ट्रेन में रेलवे अधिकारियों को 4जी सिम से लैस पॉइंट ऑफ सेलिंग (पीओएस) मशीन देने की योजना बना रही है. इससे अब यात्रियों के लिए ट्रेन में टिकट कटाना या अधिकारियों द्वारा उनसे जुर्माना वसूलना आसान हो जाएगा. मौजूदा पीओएस में 2जी सिम लगा होता है जिससे दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी की समस्या सामने आती है.
रेलवे ने अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स में 4जी सिम लगाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके पूरा होने के बाद यात्रियों को टिकट के किराए या जुर्माने का भुगतान नकद में करने की जरूरत नहीं होगी. गौरतलब है कि कई बार जिन लोगों पर जुर्माना लगाया जाता है उनके पास नकदी की कमी के कारण यात्री और रेल अधिकारी दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्पीड में अपग्रेड के बाद इस समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकेगा.
36,000 से अधिक ट्रेन में बांटी गई मशीन
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, देशभर में 36,000 से अधिक ट्रेन में टीटी को पीओएस मशीन दी जा चुकी है. इसका मकसद ऐसे लोगों से जुर्माना लेकर उन्हें हाथोंहाथ टिकट देना है जो बगैर टिकट या किसी अन्य श्रेणी की टिकट लेकर दूसरी श्रेणी में सफर कर रहे हैं. आज तक की खबर के अनुसार, राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों के टीटी को ये डिवाइस पहले ही दी जा चुकी हैं. इस महीने से मेल व एक्सप्रेस ट्रेन के टीटी को भी यह मशीनें दी जा रही हैं. मशीनों को चलाने के लिए उन्हें स्पेशल वर्कशॉप के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
सिस्टम अपग्रेड की जरूरत क्यों
पीओएस मशीनों में 2जी सिम लगे होने के कारण कई बार यात्री कार्ड से पेमेंट नहीं कर पाते थे और जुर्माना देकर कुछ सुविधाएं लेने से वंचित रह जाते थे. हालांकि, अब ऐसी समस्या नहीं होगी. रेलवे समय-समय पर अपनी सुविधाओं को अपग्रेड करता रहता है और यह भी ऐसा ही एक अपग्रेड है. इसके बाद केवल क्रेडिट या डेबिट कार्ड ही नहीं बल्कि यूपीआई से भी पेमेंट कर आप अपनी टिकट को उच्च श्रेणी में तब्दील करवा सकेंगे.
स्लीपर के टिकट पर एसी में ट्रेवल
कई लोग स्लीपर का टिकट लेकर एसी में ट्रेवल करते हैं और जगह होने पर टीटी जुर्माने के साथ उनकी पक्की टिकट बनाकर उन्हें एसी की टिकट दे देता है. हालांकि, स्लो नेटवर्क इसी प्रक्रिया में बाधा बनता है.