नई दिल्ली. भारत के साथ ही पूरे विश्व को आयुष (Ayush) चिकित्सा का लाभ देने के लिए कोशिशें कर रही भारत सरकार आयुष क्रांति की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए देशभर में आयुष इन्फ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछाने की तैयारी की जा रही है. इससे देश के कोने-कोने में आयुष चिकित्सा पद्धतियों से इलाज कराने की सुविधा मिल सकेगी. केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Ministry Of Ayush) की मानें तो देश भर में वर्तमान राष्ट्रीय संस्थानों या केन्द्रीय परिषदों की नई बिल्डिंग बनाने से लेकर मौजूद भवनों के आधुनिकीकरण कार्य को शामिल करते हुए लगभग 1955.45 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 41 आयुष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाई जा रही है.
हाल ही में आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजापारा महेन्द्रभाई, आयुष मंत्रालय में सचिव राजेश कोटेचा ने आयुष संस्थानों (Ayush Institutes) या केन्द्रीय परिषदों के कुलपति, निदेशकों और महानिदेशकों की अध्यक्षता में आयुष राष्ट्रीय परिषदों और राष्ट्रीय संस्थानों की निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा के लिए एक बैठक की है. इस बैठक में परियोजना प्रबंधन सलाहकार के प्रतिनिधि ने भी हिस्सा लिया है.
बता दें कि आयुष मंत्रालय का लक्ष्य देश भर में एक विश्व स्तरीय आयुष बुनियादी ढांचा तैयार करना है, जो भारत की आयुष क्रांति (Ayush Revolution) को चलाने के लिए महत्वपूर्ण होगा. सर्बानंद सोनोवाल ने मीटिंग के दौरान कहा कि राष्ट्रीय संस्थानों, केन्द्रीय परिषदों का समयबद्ध बुनियादी ढांचा विकास एक प्रमुख केन्द्र बिन्दु है, जो आयुष को मानवता की बेहतर सेवा करने में सक्षम बनाएगा. उन्होंने लोगों के लाभ के लिए सभी कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश भी दिए.
सोनोवाल ने आगे कहा कि आयुष बुनियादी ढांचे का निर्माण ठीक उसी रूप में किया जाना चाहिए जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की समग्र आधारभूत संरचना विकास योजना गतिशक्ति है. आयुष अधिकारियों और परियोजना प्रबंधन सलाहकारों को इस मानवीय कार्य पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
आयुष के ये प्रोजेक्ट हैं प्रमुख
आयुष मंत्रालय की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चार राष्ट्रीय संस्थानों में उपग्रह संस्थानों की स्थापना, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली के चरण-II परिसर की स्थापना, शिलांग में पूर्वोत्तर आयुर्वेद और होम्योपैथी संस्थान (एनईआईएएच) की स्थापना शामिल हैं. इतना ही नहीं अन्य प्रमुख परियोजनाओं में झज्जर में एम्स, एनसीआई में आयुष शाखा खोलना, एनआईएन, पुणे में निसर्ग ग्राम और अन्य शामिल हैं. प्रमुख परियोजना प्रबंधन सलाहकार, जो इन परियोजनाओं के लिए लगे हुए हैं, उनमें एनपीसीसी लिमिटेड, वैपकोस लिमिटेड, एनबीसीसी (आई) लिमिटेड सीपीडब्ल्यूडी, मेकॉन और पीडब्ल्यूडी शामिल हैं.
बता दें कि पिछले हफ्ते ही आयुष मंत्री ने नवी मुंबई के खारघर में आयुष भवन परिसर का उद्घाटन किया. इस परिसर में केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के तहत क्षेत्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान (आरआरआईएच) और केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) के तहत क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आरआरआईयूएम) होंगे.