मंडी: सरहद पर तैनात फौजी भाइयों की कलाई पर बंधेगी तिरंगा राखी, हिमाचल की बहनों ने किया है तैयार

मंडी. देश की रक्षा में दिन रात तैनात सैनिकों के लिए इस वर्ष भी हिमाचल प्रदेश डिफेंस वुमेन वेलफेयर एसोसिएशन मंडी पांच हजार तिरंगा कलर की राखियां तैयार करने में जुटा है. यह राखियां आने वाले तीन चार दिनों में तैयार कर उत्तर भारत में देश की सरहद पर डटे जवानों के लिए भेज दी जाएंगी.

सैनिकों के लिए इस वर्ष भी हिमाचल प्रदेश डिफेंस वुमेन वेलफेयर एसोसिएशन मंडी पांच हजार तिरंगा कलर की राखियां तैयार करने में जुटा है.

मंडी में एसोसिएशन की महिलाएं रक्षा बंधन के गीत की गुनगुनाहट के साथ स्वयं अपने हाथों से हरे, सफेद और केसरिया रंग के रेशमी धागे से राखियां बनाने में बड़े ही उत्साह के साथ जुटी हैं. यह राखियां ट्रांजिट कैंप भेजी जाएंगी, जिसके बाद वहां से इन्हें ग्लेशियर, जम्मू कश्मीर व लेह लद्दाख में सैनिकों के लिए भेजा जाएगा.

हिमाचल प्रदेश डिफेंस वुमेन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्षा आशा ठाकुर ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष एसोसिएशन लगभग 11 हजार राखियां सरहदों पर तैनात सैनिकों के लिए भेजेगी, जिनमें से पांच हजार तिरंगा रंग की राखियां हैं. इन राखियों को महिलाओं के द्वारा अपने हाथों से बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह राखियां उन फौजी भाईयों के लिए एक हौसला है जो रक्षाबंधन पर घर नहीं आ सकते. उन्होंने बताया कि 11 अगस्त को रक्षाबंधन है और उससे पहले इन राखियों को तैयार कर फौजी भाइयों के लिए भेज दिया जाएगा.

सरहद पर हमारी सुरक्षा में डडे हैं फौजी भाई, इसलिए राखी के जरिए पहुंचता है बहनों का प्यार

वहीं इस दौरान अपने हाथों से राखी तैयार कर रहीं एसोसिएशन की सदस्या शांता ठाकुर ने बताया कि फौजी भाई रक्षा बंधन पर घर नहीं आ पाते हैं. वह सरहद पर हमारे देश की सुरक्षा में दिन रात तैनात रहते हैं. इसी को देखते हुए उन्हें राखी भेजी जा रही है, ताकि इस राखी को पहन कर वे अपने को अकेला महसूस न करें. उन्हें लगे की उनकी बहन ने राखी के रूप में उन्हें अपना प्यार भेजा है.

सात साल से फौजी भाइयों को राखी भेज रहीं एसोसिएशन की बहनें
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन 2015 से इस प्रकार फौजी भाइयों के लिए राखी भेजती आ रही है. इसी क्रम में एक बार एसोसिएशन की बहनों ने खुद भी सरहद पर जा कर फौजी भाइयों को अपने हाथों से राखी बांधी. आने वाले समय में भी इस प्रक्रिया को जारी रखने की बात भी एसोसिएशन की ओर से कही गई है.