मणिमहेश यात्रा: छोटे शाही स्नान के लिए उमड़े शिव भक्त, पवित्र डल झील ने 25 हजार ने लगाई आस्था की डुबकी

शुक्रवार को मणिमहेश यात्रा के दौरान छोटा शाही स्नान में करीब 25 हजार शिव भक्तों ने पवित्र डल झील में आस्था की डुबकी लगाई। गुरुवार 9:22 से शुक्रवार सुबह 11 बजे तक छोटा शाही स्नान का शुभ मुहूर्त रहा।

मणिमहेश में छोटा शाही स्नान।

हिमाचल प्रदेश के मणिमहेश की पवित्र यात्रा का आगाज हो रहा है। शुक्रवार को मणिमहेश यात्रा के दौरान छोटा शाही स्नान में करीब 25 हजार शिव भक्तों ने पवित्र डल झील में आस्था की डुबकी लगाई। गुरुवार 9:22 से शुक्रवार सुबह 11 बजे तक छोटा शाही स्नान का शुभ मुहूर्त रहा। एसडीएम असीम सूद ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि  मणिमहेश यात्रा में व्यवस्था जांचने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।  दो सितंबर तक चलने वाली इस यात्रा से पहले ही तीन श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है

जिला प्रशासन ने खराब मौसम और पथरीले रास्ते को देखते हुए रात को यात्रा करने पर रोक लगाई है। शाम 7:00 से सुबह 5:30 पांच बजे तक श्रद्धालु भरमौर से हड़सर के लिए पैदल या वाहन से नहीं जा पाएंगे। पहली बार मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का पंजीकरण हो रहा है। यात्रा से एक सप्ताह पूर्व ही हेलीटैक्सी सेवा शुरू हो गई है।  मणिमहेश यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए पहली बार जसूर से एनडीआरएफ के 50 जवान मोर्चा संभालेंगे। ये जवान धनछौ से लेकर गौरीकुंड तक होने वाली किसी भी हादसे या आपदा से निपटने के लिए मुस्तैद रहेंगे। इसके अलावा 160 चंबा पुलिस के जवान, 300 हिमाचल पुलिस बटालियन के जवान, 300 गृह रक्षक तैनात किए गए हैं। 130 वॉकी टॉकी सेट भी जवानों को दिए गए हैं। पतलों और स्टील की प्लेटों में परोसना होगा श्रद्धालुओं को लंगर
पवित्र मणिमहेश यात्रा के दौरान थर्मोकोल और चमकीली प्लेटों में लंगर परोसने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है। लंगर संचालक श्रद्धालुओं को केवल स्टील की थालियों और पारंपरिक पतलों में ही लंगर परोस पाएंगे। यात्रा के दौरान सफाई व्यवस्था को कायम रखने, पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से यह निर्णय लिया गया है। पर्यावरण संरक्षण के चलते लिए गए इस निर्णय की अवहेलना करने वाले लंगर संचालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उसे फिर लंगर लगाने की अनुमति नहीं मिल पाएगी।

वैश्विक महामारी कोरोना के बाद 19 अगस्त से प्रशासनिक तौर पर यात्रा का आगाज हुआ है। हर बार यात्रा के दौरान देश-विदेश और बाहरी राज्यों से लाखों की संख्या में शिव भक्त पवित्र डल में डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। वहीं, दूसरी और प्रशासनिक तौर पर 19 अगस्त से दो सितंबर तक चलने वाली यात्रा के दौरान शिव भक्तों को भी यात्रा के दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने के बारे में अवगत करवाया जाएगा। वर्तमान समय में यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर दर्जन से अधिक लंगर लग चुके हैं। उपमंडल अधिकारी भरमौर असीम सूद ने बताया कि यात्रा के दौरान थर्मोकोल और चमकीली प्लेटों में लंगर परोसे जाने पर पाबंदी रहेगी। लंगर संचालक स्टील की प्लेटों और पत्तल में लंगर परोस सकेंगे। निर्देशों की अवहेलना करने वाले लंगर संचालक को फिर लंगर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।