MANISH SOPAL KUMAR SOLAN BJP

मैं बिचौलिया नहीं ,बल्कि नेताओं के कहने पर बना था गवाह : मनीष सोपाल 

भाजपा ने 85 लाख रूपये दे कर सोलन के एक व्यक्ति दीनानाथ के साथ इकरारनामा किया और 118 की  अनुमति  लेने के बाद रजिस्ट्री करवाने  की शर्त रखी |

इस से पहले की भाजपा ज़मीन को अपने नाम करवाती ज़मीन के के मालिक ने यह ज़मीन सोलन के अन्य व्यापारी को बेच दी और उसके नाम पर रजिस्ट्री भी करवा दी |

जिसकी भनक जब भाजपा के पदाधिकारियों को लगी तो उनके पाँव तले ज़मीन खिसक गई  |

इस बात को लेकर लापरवाही के जिम्मेवार नेताओं की हाजरी संगठन मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष लगनी आरम्भ हुई | आननफानन में ज़मीन के मालिक और इकरारनामे के गवाह भाजपा पूर्व पार्षद मनीष सोपल के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया  गया |  

भाजपा पूर्व पार्षद मनीष सोपल को जैसे ही यह पता चला की भाजपा के नेताओं ने अपनी जान बचाने के लिए उसे  दोषी ठहराया है और अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में निवदेन किया जहाँ से जमानत को रद्द कर दिया गया |

उसके बाद सुप्रीम कोर्ट से मनीष को 15 दिनों की मोहलत मिली है मोहलत मिलते ही मनीष कुमार ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया और सच्चाई मीडिया के समक्ष रखी | 


भाजपा पूर्व पार्षद और मीडिया प्रभारी मनीष सोपाल ने कहा कि  वह भाजपा के सच्चे और ईमानदार कार्यकर्ता है और  उनके द्वारा भाजपा के साथ कोई धोखा नहीं किया है  उन्होंने कहा कि सोलन के  दो दिग्गज नेताओं के आग्रह पर वह इकरारनामे के गवाह बने थे |

उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं द्वारा यह प्रचार किया जा रहा है कि उनकी भूमिका बिचौलिए की रही है जो बिलकुल गलत है वह भाजपा कार्यर्कता की हैसियत से नेताओं के कहने पर गवाह बने थे | उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा के नेता बदनाम कर उन्हें हाशिए पर लाना चाहते है |

उन्होंने कहा कि वह पूर्ण रूप से पुलिस जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है | उन्होंने कहा कि वह चाहते है कि पुलिस    तो अपने जांच कर रही है लेकिन भाजपा को भी अपने स्तर पर जांच करवानी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सभी के सामने आ सके |