यह चित्रकार लोगों को 5 रु. में खिलाते हैं खाना, बेटी के जन्म पर परिवार को करते हैं सम्मानित

समाज के लिए कुछ कर गुजरने वाले रियल हीरो को हममें से बहुत कम लोग जानते हैं. क्योंकि वह पर्दे पर नहीं बल्कि असल जिंदगी में लोगों के लिए काम करते हैं. ऐसे ही एक ‘रियल हीरो’ हैं रोहित. वह बुंदेली कला से चित्रों में तो रंग भरते ही हैं साथ ही लोगों के चेहरों पर खुशियों के रंग भी भरते हैं.

बुंदेलखंड रीजन के जिला जालौन के रहने वाले रोहित विनायक लोगों को सिर्फ 5 रुपए में खाना खिलाते हैं. उनके इस काम की तारीफ साल 2021 में ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में अमिताभ बच्चन भी कर चुके हैं. रोहित बुंदेली कला के चित्रकार हैं. हाल ही में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनाकर उन्हें भेंट की थी. एक कलाकार का अपनी कला के जरिए चित्रों में रंग भरने से लेकर लोगों की जिंदगी में खुशियों के रंग भरने का सफर कैसे शुरू हुआ. यह जानने के लिए उनसे न्यूज़18 ने विस्तार से चर्चा की.

कोरोना काल में की थी शुरुआत 

रोहित यूपी के जिला जालौन के रहने वाले हैं. वह बताते हैं कि लॉकडाउन का दौर था. सब कुछ बंद था. अस्पताल खुले हुए थे और सिर्फ मेडिकल सेवाएं चालू थीं. उस दौरान जब होटलें, बाजार सब कुछ बंद था तब सुदूर गांवों के लोग यदि किसी बीमार के इलाज या किसी महिला को प्रसव के लिए लेकर आते थे तो उन्हें खाना मिलना बेहद मुश्किल होता था. जिसके कारण लोगों को भयंकर मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा था. एक रोज किसी पहचान की महिला ने रोहित से दवाइयां मांगवाई थीं. रोहित दवाइयां लेने बाजार गए तो सब कुछ लॉकडाउन की वजह से सुनसान था. तभी उनकी बाइक की आवाज सुनकर हॉस्पिटल की तरफ से एक युवक भागता हुआ उनके पास आया और कहने लगा – हम लोग बाहर से आए हैं हमारे परिवार में किसी महिला की डिलीवरी हुई है. जिसके चलते हम लोगों को यहां रुकना पड़ा है. लेकिन यहां खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है. क्या आप हमारे लिए दूघ ब्रेड या बिस्किट का प्रबंध कर सकते हैं. रोहित ने उनकी मदद की और उनके लिए खाने का इंतजाम किया. लेकिन यह बात उनके मन में घर कर गई. जब रोहित ने अस्पताल जाकर देखा तो वहां तकरीबन 25 से 30 लोग इलाज के चक्कर में भूखे दिन गुजार रहे थे. जिसके बाद रोहित ने उनके लिए खाने का प्रबंध करने की ठान ली.

रोहित ने अपने कुछ मित्रों की मदद से खाने के पैकेट बनाकर अस्पताल में बांटने शुरू कर दिए. फिर वह यह खाना बांटने का काम रोजाना करने लगे. उसके बाद उन्होंने अपनी इस पहल को ‘आओ प्रभु’ नाम दे दिया. नोएडा में ‘दादी की रसोई’ की तर्ज पर ही उन्होंने लोगों के स्वाभिमान को बरकरार रखने 5 रुपए लेने शुरू कर दिए जिससे की लोगों को यह महसूस न हो कि खाना फ्री में मिल रहा है. रोहित हर दिन शाम को 7 बजे लोगों को खाना के पैकेट बांटने के लिए निकल जाते हैं.

रोहित ने कुछ समय बाद अपने इस काम को जारी रखने के लिए संस्था बना ली है. बीते साल 2021 से उन्होंने इसमें एक नई पहल शुरू की है. जिसमें की महिला चिकित्सालय में पैदा होने वाली लड़कियों को सम्मानित करते हैं. इसके तहत वह एक खास तरीके से डाटा मेंटेन करते हैं. रोहित एक ड्राइंगबुक में नन्ही बच्चियों के लाल रंग से फुट प्रिंट लेकर रखते हैं. जिससे वह पेंटिंग बनाते हैं. वह अब तक 1 हजार 700 से ज्यादा लड़कियों के पद चिन्ह कलेक्ट कर चुके हैं. साथ ही बच्चियों के परिवार को बच्ची के उपयोग में आने वाली चीजें भेंट करते हैं. साथ ही उन्हें एक सम्मान पत्र भी देते हैं. इस पहल का नाम उन्होंने “बुंदेली बिन्नो” रखा है. इस पहल के पीछे का उद्देश्य समाज में बेटी पैदा होने पर लोगों को सोच में सकारात्मक बदलाव लाना है. क्योंकि आज भी भारत के ग्रामीण इलाकों में परिवार में बेटे के जन्म की अपेक्षा की जाती है.

रोहित बुंदेली कला के राष्ट्रीय स्तर के चित्रकार हैं. वह बुंदेली कला के चित्र बनाते हैं. उन्हें नेशनल कल्चर डिपार्टमेंट की तरफ से फेलोशिप भी मिली हुई है. बीते दिनों ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनाकर पीएम को भेंट की है. जिसके बाद पीएम ने बुंदेली कला की काफी तारीफ की थी. रोहित बुंदेली कला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना चाहते हैं.

केबीसी में अमिताभ बच्चन ने भी की तारीफ 

दिनों दिन बढ़ती महंगाई को दौर में जहां 5 रुपए में खाना मिलना तो दूर पानी की बोतल भी नहीं मिलती है. ऐसे समय में सिर्फ 5 रुपए में लोगों को पेट भर खाना खिलाना बहुत बड़ी बात है. यह बात अमिताभ बच्चन ने साल 2021 में अपने शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के करमवीर स्पेशल एपिसोड के दौरान कही थी. इसके अलावा रोहित ने कोरोनाकाल के दौरान लोगों को मुफ्त में एंबुलेंस की सेवा भी मुहैया करवाई थी. रोहित ने समाज सेवा के जज्बे के चलते कई लोगों की मदद की है. वह लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं.

लोगों को देना चाहते हैं ये संदेश

रोहित का कहना है कि आज के दौर में जिस तरह से लोग अपने स्वार्थ के लिए जी रहे हैं. उससे मनावता को दरकिनार कर दिया गया है. लेकिन लोगों को अपने भीतर की मनावता को बरकरार रखने की जरूरत है. अपनी जरूरत पूरी हो जाने पर दूसरों की मदद को अपना कर्तव्य समझना चाहिए. यदि हमारे घर-परिवार में कोई भी अनावश्यक या अनुपयोगी चीजें हैं, तो उन्हें जरूरतमंद लोगों को दान कर देना चाहिए. जिससे उन बेकार पड़ी वस्तुओं को उपयोग में लाया जा सके.