Rajasthani Khajuri broom made of Solan residents first choice

राजस्थानी खजूरी झाड़ू सोलन वासियों की बना पहली पसंद

केंद्र सरकार हाथकरघा को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़े बड़े दावे करती है | लेकिन अगर वास्तव में हाथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिलता तो शायद हाथ से बने उत्पादों को बेचने के लिए  राज्य स्थान से इन परिवारों को सोलन(SOLAN) न आना पड़ता | यह परिवार अपनी परम्पराओं के अनुसार खजूर के पत्तों से  झाड़ू बनाने का हुनर रखते है  | यह झाड़ू  (BROOM) सोलन और आस पैसा के क्षेत्रों में बहुत पसंद किया जाता है | इस लिए यह परिवार  पिछले कई वर्षों से सोलन में आकर यह झाड़ू बेचते है | खजूर के पत्तों से परिवार के सभी लोग कुछ ही मिनटों में झाड़ू तैयार कर देते हैं |  दस रूपये से लेकर 80 रूपये तक का झाड़ू इन के पास उपलब्ध होता है | हैरानी वाली बात यह है कि घर का छोटे से छोटा सदस्य भी इस हुनर से वाकिफ है | जब बच्चे खेलना सीखते है  तब इस परिवार के सदस्य अपने पैरों पर खड़ा हो कर  देश की जी डी पी बढ़ाने में अपना योगदान देते हैं | 

                   राज्यस्थान से आए परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह खजूरी झाड़ू बेचने के लिए प्रत्येक वर्ष सोलन आते है और शिमला तक इस झाड़ू को बेच कर अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे है | उन्होंने बताया कि उनके परिवार के कुछ सदस्य झाड़ू बनाने का कार्य करते है तो कुछ सदस्य झाड़ू बेचने के लिए गाँव गाँव जाते है | उन्होंने कहा कि कुछ दुकानदार उनसे झाड़ू लेकर आगे ग्राहकों को भी बेचते हैं | उन्होंने बताया कि उनके झाड़ू क्योंकि आम झाड़ू के मुकाबले में अधिक चलते है और अच्छी सफाई करते है इस लिए लोग उनके झाड़ू बेहद पसंद करते है | उन्होंने कहा कि वह रोज़ 100 से 150 झाड़ू बनाते है जो शाम तक बिक जाते हैं |